
समिति के नेताओं ने आरोप लगाया कि नेता बनने की आपकी महत्वाकांक्षा, स्वार्थ और धनवान बनने की लालसा ने समुदाय के साथ ही आंदोलन को भारी नुकसान पहुंचाया है। हमारे समुदाय के लोग यह अच्छी तरह जानते हैं कि आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों की मदद के लिए आए चंदे के पैसे से हार्दिक पटेल और उनके चाचा विपुलभाई ने महंगी कारें खरीदीं और अब हार्दिक पटेल व उनके मित्र ऐशोआराम की जिंदगी जी रहे हैं।
दरअसल, हार्दिक पटेल अभी राष्ट्रद्रोह मामले में अदालत से जमानत मिलने के बाद जेल से बाहर हैं और अदालत के आदेश के मुताबिक अभी 6 महीने गुजरात से बाहर ही रहेंगे। चिराग और केतन ने दावा किया कि जेल में जाने के बाद लोगों के लिए अपनी रोजी रोटी कमाना मुश्किल हो जाता है जबकि आप जेल जाने के बाद करोड़पति बन गए।