काली कमाई: बिहार का टॉपर मप्र के फिसड्डी से भी पीछे

भोपाल। भले ही कई तरह के अपराधों में बिहार देश का अव्वल प्रदेश हो परंतु अधिकारियों की काली कमाई के मामले में वो काफी पीछे है। बिहार में आज एक सनसनीखेज खबर वायरल हो रही है। एक असिस्टेंट इंजीनियर के यहां हुई छापामार कार्रवाई में 5 करोड़ की काली कमाई मिली है और बिहारी मीडिया के हिसाब से पिछले 10 साल में यह सबसे ज्यादा रकम है, लेकिन मप्र में तो 5 करोड़ आम बात है। यहां तो योगीराज शर्मा जैसे अधिकारियों का बोलबाला है। जिनके यहां टॉयलेट तक के नोटो के बंडल मिले थे। 

चलिए पहले पढ़ते हैं वो खबर जो बिहार में सनसनी बन गई 
विशेष निगरानी इकाई (एसवीयू) ने बिहार राज्य में अब तक के सबसे बड़े भ्रष्टाचारी अधिकारी का पर्दाफाश किया है। नगर विकास एवं आवास विभाग में असिस्टेंट इंजीनियर कामेश्वर प्रसाद सिंह के बैंक लॉकर खुले तो सोने की ईंट, हीरे जड़े गहने और नोटों के बंडल मिले। पत्नी, बेटी और बहू के नाम पर खोले गए चार बैंक लॉकर से एक-एक किलो वजन वाली सोने की दो ईंटें, सोने, चांदी और हीरे जड़े गहने और ठूंस-ठूंसकर रखे गए एक करोड़ 38 लाख 22 हजार 500 रुपये मिले।

तीन अगस्त से अब तक हुई जांच में केपी सिंह की कुल 5 करोड़ 40 लाख पांच हजार 300 रुपये की चल व अचल संपत्ति का पर्दाफाश हो चुका है। इसमें काली कमाई की कितनी है, जांच जारी है। केपी सिंह, उनकी शिक्षिका पत्नी मंजू सिंह और दो बेटियों और बहू के बैंक लॉकर और बैंक खातों की जांच अभी जारी है।

अब अपना मध्यप्रदेश
यहां किसी भी अधिकारी के यहां 5-10 करोड़ मिल जाना आम बात है। योगीराज शर्मा तो मप्र में काली कमाई के ब्रांड एंबेसडर हैं ही। इनके रजाई, गद्दे, तकिया, किचिन, टॉयलेट हर जगह से नोटों की गड्डियां मिलीं थीं। हाल ही में एक मंत्री के नौकर के यहां से करोड़ का माल मिला था। पटवारी स्तर के तृतीय श्रेणी कर्मचारियों के यहां से करोड़ों निकलना यहां अजीब नहीं लगता। परिवहन विभाग की बात ही क्या करें। एक चपरासी स्तर के कर्मचारी के यहां से 3 करोड़ मिल गए थे। एक आईएएस दंपत्ति 100 करोड़ से ज्यादा की काली कमाई के मामले में कभी जेल कभी बेल खेल रहे हैं। 

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