डॉक्टर की दवाई से सर्दी-खांसी के मरीज को ब्लड कैंसर हो गया

राजनांदगांव। दवाओं में ज्यादा से ज्यादा कमीशन के लालच में डॉक्टर अक्सर ऐसी दवाएं दे देते हैं जिसकी जरूरत ही नहीं होती। फटाफट करोड़पति बनने के लालच में डॉक्टर मरीजों की बीमारी का इलाज करना तक भूल जाते हैं। यहां सर्दी खांसी से परेशान एक लड़की को डॉक्टर ने 9 महीने तक टीवी की दवाएं खिला दीं। नतीजा लड़की को ब्लडकैंसर हो गया। उपभोक्ता फोरम ने डॉक्टर कोटडिया पर 10 लाख रुपए का जुर्माना लगाया है। 

फोरम से मिली जानकारी के अनुसार सोमनी निवासी कीर्ति पति कमलेश बघेल अपनी बेटी लहाना को सर्दी, खांसी और बुखार आदि के इलाज के लिए 16 अक्टूबर 2011 को डॉक्टर के क्लीनिक लेकर गई। डॉक्टर ने दवा दी और छाती का एक्सरे करवाने के लिए कहा। 

इससे महिला ने डॉ. कोटडिया एक्स-रे एवं पैथो क्लीनिक में जाकर एक्स-रे करवाया। रिपोर्ट देखकर डॉ. यादव बोले, मरीज को हिलर एडनाइंटिस रोग (टीबी) है। इसके बाद नौ महीने तक हिलर एडनाइंटिस रोग की दवा मेकाक्सकिड व अन्य टैबलेट देते रहे। नाै माह दवा खाने के बाद भी सुधार नहीं हुआ तो दुर्ग में बच्चों के डॉक्टर डीएल ताम्रकार को दिखाया गया, जहां पर पैथोलॉजी टेस्ट के बाद पता चला कि उसे एडनाइंटिस रोग नहीं, बल्कि गंभीर बीमारी है। 

उसे सेक्टर-9 हॉस्पिटल में रेफर किया गया। जहां पर डॉक्टरों ने जांच कर पुरानी पर्ची देखकर बताया कि गलत इलाज के कारण मरीज को ब्लड कैंसर हो गया है। इसके इलाज के लिए मरीज को रायपुर मित्तल हॉस्पिटल रेफर किया गया। यहां से मरीज को 26 मार्च 2013 को मुंबई के टाटा मेमोरियल अस्पताल रिफर कर दिया। जहां पर मरीज की इलाज किया जा रहा है। 

डॉक्टर पर 10 लाख का जुर्माना 
फोरम के आदेशानुसार पीड़िता को एक महीने के भीतर 10 लाख रुपए और 19 मार्च 2015 से भुगतान की तिथि तक 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज की दर सहित भुगतान करना पड़ेगा। मानसिक क्षतिपूर्ति के लिए 1 लाख और वाद व्यय 5 हजार देने होंगे। 

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