
छात्राओं का कहना है कि प्रिंसिपल के हाथ में प्रेक्टिकल 200 नंबर हैं। प्रिंसिपल ने थ्योरी में 11 नंबर लाने वाली छात्रा को 100 से अधिक नंबर दिए, वहीं थ्योरी में अधिक अंक लाने वाली छात्राएं को फेल कर दिया है क्योंकि ये छात्राएं प्रिंसिपल के साथ फिजिकल रिलेशन बनाने को तैयार नहीं थी। राज्य महिला आयोग पहुंचकर छात्राओं ने गुरुवार को लिखित आवेदन दिया है।
सांसद, मंत्री, सीएम हेल्पलाइन कहीं सुनवाई नहीं हुई
छात्राओं का कहना है कि प्रिसिंपल के खिलाफ उन्होंने सीएम हेल्प लाइन तक में शिकायत की, लेकिन उनकी सुनवाई नहीं हुई। इसके अलावा वे सांसद आलोक संजर, मंत्री नरोत्तम मिश्रा तक को इसकी शिकायत कर चुकी हैं। छात्राओं का कहना है कि उन्हें न्याय चाहिए और प्रिसिंपल को कड़ी सजा दी जाए। इस मामले में आयोग ने प्रकरण की जांच कराने की बात कही है।