
जानकारी के मुताबिक, आरोपियों ने संविदा शिक्षक भर्ती परीक्षा में फर्जी दस्तावेजों का उपयोग किया था। इसके आधार पर अभ्यर्थियों को नौकरी पर ले लिया गया था। बाद में जांच करने पर कई दस्तावेज फर्जी पाए गए। इसके बाद ये मामला कोर्ट जा पहुंचा। मामले में तत्कालीन सीईओ एससी प्रजापति सहित दो कर्मचारी और 18 भर्ती हुए संविदा शिक्षकों को आरोपी बनाया गया था।
बुधवार को जिला अदालत ने सुनवाई पूरी होने के बाद सभी को दोषी पाया। अदालत ने फैसला सुनाते हुए सभी दोषियों को पांच-पांच साल की सजा सुनाई। साथ ही उन पर तीन-तीन हजार का आर्थिक जुर्माना भी लगाया है।