
कुछ समय पहले मेनन ने अपनी फेसबुक वॉल पर लिखा था कि भारत में 94 प्रतिशत दलित और मुसलमानों को ही फांसी की सजा होती है। इस बयान के बाद मेनन की सारे देश में निंदा की गई थी। एक आईएएस अधिकारी और कलेक्टर रहते हुए इस तरह के विचार रखना और उन्हें सार्वजनिक करना सर्विस रूल्स एवं भारत की नागरिक संहिता के खिलाफ है।
ये वही आईएएस अफसर हैं जिन्हे सुकमा का कलेक्टर रहते हुए नक्सलियों ने अपहरण कर लिया था। इसके बाद इन्हे सकुशल मुक्त कर दिया गया था। बाद में मेनन पर नक्सलियों से मिले होने के आरोप भी लगे। छत्तीसगढ़ सरकार ने आईएएस एलेक्स पॉल मेनन की फेसबुक पोस्ट को अनुशासनहीनता माना है। इस पर आईएएस से एक महीने के अंदर जवाब मांगा गया है।