नईदिल्ली। गोरा बनाने का दावा करने वाली क्रीम 'फेयर एंड लवली' को कौन नहीं जानता। इन दिनों वो टीवी पर 5 करोड़ का दावा कर रही है। खुद को दुनिया की सबसे बेहतरीन क्रीम बताती है परंतु आज तक किसी भी सरकारी लैब ने इस क्रीम की जांच नहीं की है, कभी यह पता नहीं लगाया गया कि उसके दावों में कितना दम है। राज्यसभा में यह मामला उठा और ऐसी तमाम कंपनियों की जांच की मांग की गई।
शून्यकाल के दौरान मामले को उठाते हुए कांग्रेस की सांसद विप्लव ठाकुर ने कहा कि फेयर एंड लवली और पॉन्ड्स फेस क्रीम जैसे उत्पादों का विज्ञापन महिलाओं का अपमान है। हर क्रीम गोरा करने का दावा करती है लेकिन ऐसे दावों की कभी जांच नहीं की जाती।
ठाकुर ने कहा कि ऐसे विज्ञापन बंद होने चाहिए और इन पर प्रतिबंध लगना चाहिए। ऐसे विज्ञापनों से महिलाओें में हीनता की भावना पनपती है। सरकार को इन विज्ञापनों के जरिये किए जाने वाले ‘झूठे दावों’ के बारे में संज्ञान लेना चाहिए।
इससे पहले भी इस मुद्दे को राज्य सभा में उठाते हुए कई महिला सांसदों ने फेयरनेस क्रीम के विज्ञापनों पर सवाल उठाए थे। सांसदों का कहना था कि विज्ञापनों की भाषा महिलाओं के सम्मान के खिलाफ है।