विदिशा। सा0 वनमण्डल विदिशा के वन सरंक्षक श्री रविन्द्र सक्सेना द्वारा फिर साबित कर दिया कि कोई भी डीएफओ या सीएफ विभाग में कार्य कर रहे आपरेटर्स के शोषण से बाज नहीं आयेंगें। वन विभाग में कार्य कर रहे कम्पयूटर आपरेटर्स को घंटो के हिसाब से वेतन दिया जाता रहा है जिस पर मध्यप्रदेश वन विभाग कम्प्यूटर आपरेटर्स संघ ने मंत्री एवं विभाग प्रमुख को कई बार आवेदन किये क्योंकि अक्टूबर 2014 में श्रम विभाग ने कम्प्यूटर आपरेटर्स का हेड क्रियेट कर दिया था। जिस पर श्रमविभाग की दरानुसार भुगतान की मांग की जा रही थी।
विगत दिनों अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक प्रशासन 2 श्री सतीश त्यागी ने उनके कार्यालयीन पत्र क्रमांक स्था/क्षे0स्था‘1/ 1002 दिनांक 01/03/2016 के माध्यम से विभाग में कार्य कर रहे सभी आपरेटर्स को श्रम विभाग की दरानुसार भुगतान करने के आदेश दिये गये थे जिसे ईमेल के माध्यम से सभी डीएफओ एवं वन संरक्षक को सीधे ही भेजा गया था। इसके पश्चात उनके द्वारा पुन- पत्र क्रमांक स्था/क्षे0स्था‘1/ 1428 दिनांक 29/03/2016 के माध्यम से पुन: पारिश्रमिक में एक रूपता लाने हेतु लेख किया गया था।
यह दोनो कापी सीधे वन मण्डलो में भेजी गई थी जिस पर विदिशा डीएफओ श्री रविन्द्र सक्सेना द्वारा सबंधितों वन परिक्षेत्र अधिकारियों को पत्र क्रमांक लेखा/2359 दिनांक 19/04/2016 के माध्यम से भेजा भी गया था। परंतु शोषण प्रथा चलाते हुये डीएफओ श्री रविन्द्र सक्सेना ने अपने स्तर पर दिनांक 03/05/2016 को एक समीति गठित कर दी गई जो कि दिनांक 10/06/2016 को अपना निर्णय दे पायी। इसमें आपरेटर्स को 6-5 घण्टा प्रति दिवस कार्य लिये जाने हेतु संबंधितों को आदेशित किया गया है। जबकि आपरेटर्स पूरे कार्यालयीन समय में कार्यालय में रहकर कार्य करते हैं जोकि लगभग 8-10 घण्टा होती है साथ ही इस पत्र में पैसे का कहीं कोई जिक्र ही नहीं है ।
आदेश में खामियां
वन विभाग में मजदूरी दरों का निर्धारण मुख्य वन संरक्षक द्वारा किया जाता है जो पूरी सर्किल में एक समान होता है । जबकि डीएफओ ने अपने ही स्तर पर दर निर्धारित कर दिये । जो गलत है ।
अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक प्रशासन 2 के पत्र क्रमांक स्था/क्षे0स्था‘1/ 1002 दिनांक 01/03/2016 में बिन्दू क्रमांक 2 में साफ स्पष्ट शब्दो में लिखा गया है कि म0प्र0 श्रमायुक्त द्वारा कुशल श्रमिक के पारिश्रमिक में बृद्धि के आधार पर कम्प्यूटर आपरेटर्स की प्रतिघण्टा 208 घण्टे माह में जो कि ( 26 दिवस 8 घण्टे प्रतिदिवस ) कार्य अवधि के आधार पर दिया जाना चाहिए परंतु डीएफओ द्वारा ऐसा नहीं किया गया । जो कि वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों की अवहेल्ना एवं छोटे कर्मचारियों का शोषण है ।
डीएफओ ने आपने पत्र क्रमांक लेखा / 2359 दिनांक 19/04/2016 के माध्यम से आपरेटर्स को निर्धारित राशि के बाउचर्स बनाने का आदेश दिया था पंरतु इस आदेश को निरस्त किये बिना ही दूसरा आदेश क्रमांक लेखा/ 2571 दिनांक 31/05/2016 जारी कर दिया गया जिस कारण से विगत 2 माह से विदिशा में कार्यरत लगभग 15 आपरेटर्स को 02 माह से वेतन ही नहीं मिली ।
डीएफओ ने आपने आदेश क्रमांक लेखा/ 2571 दिनांक 31/05/2016 में घण्टों की दर तो जो कि 42-35 है को अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक प्रशासन 2 के पत्र क्रमांक स्था/क्षे0स्था‘1/ 1002 दिनांक 01/03/2016 के पत्र द्वारा स्वीक़त कर दिया परंतु घण्टो को स्यंम निर्धारण कर दिया जो कि 6-5 किये ताकि आपरेटर्स का वेतन कम देना पडे
आदेश में दिये जाने वाला मासिक मानदेय / वेतन का कहीं कोई जिक्र ही नहीं है ।
भवदीय
एक पीड़ित कम्प्यूटर आपरेटर