भारत में कोई भी दलित नहीं है: शंकराचार्य

हरिद्वार। ज्योतिष एवं द्वारका शारदा पीठ के पीठाधीश्वर शंकराचार्य स्वामी स्वरुपानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि देश में कोई भी दलित नहीं है, सभी सवर्ण हैं। मैं किसी को भी देश में दलित नहीं मानता, बल्कि देश में दलित नाम की कोई जाति भी नहीं है। सभी एक जाति समान हैं।

इस दौरान उन्होंने बाबा साहेब भीमराव अंबेडकर को भी दलित की श्रेणी में न रखने का आह्वान किया। कहा कि राजनीतिकरण के कारण ही लोगों को दलित बनाया गया है और दलित नाम की एक नई जाति बनाई गई। पहले कभी भी कोई दलित जाति नहीं थी।

उन्होंने तमिल के कवि संत तिरुवल्लुवर की प्रतिमा हरिद्वार में स्थापित करने पर कहा कि पहले संत समाज के साथ बैठककर तमिल के कवि के इतिहास से परिचित कराया जाना चाहिए था। जब उनका उत्तराखंड से कोई संबंध नहीं था तो फिर क्यों उत्तराखंड में उनकी प्रतिमा स्थापित कर शांतिमय प्रदेश में अशांति फैलाने का प्रयास किया जा रहा है और रही पर्यटन को बढ़ावा देने की बात तो उत्तराखंड में पर्यटकों की कमी नहीं है।

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