गर्ल्स हॉस्टल में कट्टा लेकर घूमने वाली लड़की गिरफ्तार

Bhopal Samachar
भोपाल। कमला नेहरू गर्ल्स हॉस्टल में छात्राओं के साथ मारपीट और जान से मारने की धमकी देने के मामले में मंगलवार को पुलिस ने तीन लड़कियों सीमा शाक्य, प्रीति शाक्य और रजनीश पेंद्रों को गिरफ्तार कर लिया। श्यामला हिल्स पुलिस ने हॉस्टल की एक छात्रा की शिकायत पर करीब ढाई बजे मामला दर्ज किया। मंगलवार शाम 6.30 बजे गिरफ्तार कर लिया। इससे पहले असिस्टेंट कमिश्नर ट्राइबल ने हॉस्टल का निरीक्षण कर एक आरोपी छात्रा के बयान दर्ज किए। महिला आयोग की अध्यक्ष लता वानखेड़े ने एसपी को भी जांच कराने की सिफारिश की।

अधिकारियों ने भी पीड़ित छात्राओं को धमकाया
मंगलवार दोपहर 2.45 बजे आदिवासी विकास विभाग के असिस्टेंट कमिश्नर एमके अवस्थी हॉस्टल पहुंचे। यहां पर उन्होंने लड़कियों के बयान लिए। अवस्थी ने बताया कि हॉस्टल में पानी नहीं आने, पंखा नहीं चलने जैसी गड़बड़ियों की शिकायत की गई है। मारपीट जैसी बात छात्राओं ने हमें नहीं बताई। दो छात्राओं ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि जांच करने पहुंचे अफसर और वार्डन ने छात्राओं से कहा कि मीडिया के सामने कुछ न कहें। कोई आए तो कह देना हॉस्टल में कोई दिक्कत या परेशानी नहीं है। वार्डन ने साफ शब्दों में कहा कि यदि बयानबाजी की तो बाहर का रास्ता देखना पड़ेगा।

छात्रा के शरीर पर मिले मारपीट के निशान
मारपीट की शिकार छात्रा सृष्टि उईके का हमीदिया अस्पताल में 4.30 बजे पुलिस ने मेडिकल कराया। उसके शरीर पर मारपीट के निशान मिले हैं। उसकी पसली का एक्स-रे भी किया गया। एएसपी राजेश सिंह भदौरिया ने बताया कि निर्भया टीम को जांच के लिए हॉस्टल भेजा। वहां छात्राओं ने बताया कि शमशाबाद निवासी सीमा शाक्य, प्रीति शाक्य पिछले डेढ़ साल से अवैध रूप से हॉस्टल में रह रही हैं। वार्डन को शिकायत के बावजूद दोनों को हटाया नहीं गया। सीमा और प्रीति के साथ ही रजनीश पेंद्राे को भी गिरफ्तार लिया गया है। रजनीश के खिलाफ भी धमकाने और मारपीट की शिकायत है। उन्हें महिला थाने में रखा गया है। हॉस्टल में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है, जो 24 घंटे हॉस्टल पर निगरानी रखेगा।

इल्जाम लगाने वालों की जान भी ले सकती हूं...
सुभाष एक्सीलेंस से 12वीं में बायोटेक व गणित में पढ़ाई की। इसके बाद बीएससी इंडस्ट्रियल माइक्रोबायलॉजी में किया। बचपन से तमन्ना है आईएएस अफसर बनने की। मेरे पहनावे को देखकर पापा मुझे डॉन कहते थे। 6 साल पहले मेरी मां का देहांत हो गया। 8 साल से हॉस्टल में रह रही हूं। करोंद में घर बन रहा है। इसके चलते यहां रह रही हूं। कट्टा रखना व मारपीट की बातें झूठी हैं। हॉस्टल की लड़कियां नहीं चाहती कि मैं और मेरी बहन यहां पर रहें। कुछ महीने पहले मेरे खिलाफ सृष्टि ने श्यामला हिल्स थाने में शराब पीने की शिकायत की थी। तलाशी लेने पर कुछ नहीं मिला। इस साल पीएससी-प्री का एक्जाम दिया है।

हॉस्टल वार्डन के खिलाफ भी हो एक्शन ...
शिकायतकर्ता सृष्टि उईके का आरोप है कि इस मामले में हॉस्टल की वार्डन भी शामिल हैं। उसके खिलाफ भी एक्शन होना चाहिए। उधर, कलेक्टर ने एडीएम दिशा नागवंशी के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया है। जो दो दिन में हॉस्टल में चल रही गतिविधियों की रिपोर्ट बनाकर दें। 
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