
उन्होंने सभी डीईओ को निर्देश जारी किया है कि सभी स्कूलों से एक चार्ट बनाकर जानकारी भरें कि कितने अध्यापक कार्यरत हैं और कितने हड़ताल पर। कौन से वर्ग के कितने अध्यापक कितने समय से हड़ताल कर रहे हैं। इसके अलावा हड़ताल के कारण स्कूल की पढ़ाई प्रभावित नहीं हो, इसकी वैकल्पिक व्यवस्था भी की जाए। साथ ही शिक्षकों से चर्चा करें और प्रयास करें कि वे हड़ताल पर न जाएं। इसके बावजूद वे नहीं मानें तो उनके खिलाफ विभागीय स्तर पर कार्रवाई कर इसकी जानकारी भोपाल भेजें।
यूं तो यह एक सामान्य प्रक्रिया है परंतु इस बार शासन इस प्रक्रिया के माध्यम से यह जानने की कोशिश भी कर रहा है कि क्या वाकई में पूरे प्रदेश में हड़ताल जारी है या केवल अखबारी बयानबाजियां चल रहीं हैं।