7वां वेतन आयोग: पढ़िए कितने नुक्सान का सौदा है

नईदिल्ली। सातवां वेतन आयोग केंद्रीय सेवाओं से जुड़े लोगों को सिर्फ खुशी ही नहीं झटका भी देगा। अगर जस्टिस अशोक कुमार की अध्यक्षता वाले आयोग की सभी सिफारिशें मान ली गईं तो केंद्रीय कर्मियों को न सिर्फ अपना प्रदर्शन सुधारना होगा, बल्कि आवासीय किराया भत्ता (एचआरए) के रूप में पहले से अधिक रकम चुकानी होगी।

औसत और खराब प्रदर्शन करने वालों को वेतन वृद्धि के लाभ से वंचित रहना होगा। कर्मचारियों के लिए नया वेतन ढांचा तय किया जाएगा, जिसमें उसकी स्थिति ग्रेड-पे के जरिए नहीं बल्कि पे-मेट्रिक्स के जरिए तय होगी। इसके अलावा कर्मचारियों को अलग-अलग तरह के 52 भत्तों से भी हाथ धोना पड़ सकता है।

माना जा रहा है कि सरकार आयोग की रिपोर्ट को जुलाई महीने से लागू करेगी और केंद्रीय कर्मियों और पेंशनभोगियों को जनवरी 2016 से एरियर दिया जाएगा। सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट लागू होने के बाद कर्मियों को महंगाई भत्ते में बढ़ोत्तरी के अनुरूप एचआरए का भुगतान करना पड़ सकता है। आयोग ने इसके तहत एक्स, वाई और जेड श्रेणी के शहरों के लिए एचआरए मूल वेतन का 24, 16 और 08 फीसदी करने का सुझाव दिया है। महंगाई भत्ता 50 फीसदी से अधिक होने पर एचआरए की दर को 27, 18 और 09 फीसदी और महंगाई भत्ता के सौ फीसदी के पार होने की स्थिति में एचआरए दर को 30, 20 और 10 फीसदी करने की सिफारिश की गई है।
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