नईदिल्ली। प्रमोशन में आरक्षण अवैध घोषित होने के बाद राजनीति में उलट पुलट शुरू हो गई है। लोकसभा में मामला उठने के अगले दिन यानि मंगलवार को एससी-एसटी आयोग ने इस मामले में मप्र के मुख्य सचिव को नोटिस जारी कर पूछा है, कि वह बताएं कि राज्य सरकार ने इस मामले में हाईकोर्ट में अपना पक्ष क्यों नहीं रखा। आयोग ने इसे लेकर मुख्य सचिव को दिल्ली आकर जबाव देने को कहा है। आयोग के चेयरमैन पीएल पुनिया ने इस मामले में नोटिस जारी किया है।
पुनिया ने पत्रकारों से इस मामले में चर्चा करते हुए बताया कि आयोग ने इस मामले को गंभीरता से लिया है। वह राज्य सरकार से इस मामले में जबाव भी मांगेगी, कि किन कारणों और कमजोरी के चलते हाईकोर्ट ने यह फैसला लिया। आयोग द्वारा जबाव के लिए समय सीमा तय किए जाने के सवाल पर पुनिया ने कहा कि अभी इसकी कोई समयसीमा तय नहीं की गई है।
आयोग को यदि जल्द इसका जबाव नहीं मिलता है,वह इस पर विचार करेगा। बता दें कि पीएल पुनिया कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और राज्यसभा सासंद भी है। कांग्रेस के मध्य प्रदेश से सांसद कांतिलाल भूरिया ने भी सोमवार को इसी मामले को लोकसभा में शून्यकाल में उठाया था। साथ ही सरकार से सफाई भी मांगी थी।