
कानपुर में कल रात भोपाल की सीबीआई और यूपीएसटीएफ की संयुक्त टीम ने व्यापमं घोटाले (मध्य प्रदेश व्यवसायिक परीक्षा मंडल) के मास्टर माइंड एवं महोबा की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष के पति रमेश शिवहरे को गिरफ्तार कर लिया। उसने पूछताछ में व्यापमं घोटाले से जुड़े होने की बात स्वीकार की है।
महोबा की पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष अंशु शिवहरे के पति रमेश शिवहरे की 2012 से तलाश थी। उसके ऊपर पांच हजार का इनाम भी घोषित था। उसके घर पर एनबीडब्ल्यू और कुर्की का नोटिस चस्पा किया जा चुका था। एसटीएफ लखनऊ के एडीशनल एसपी अरविंद कुमार के मुताबिक शिवहरे की लोकेशन कल्याणपुर आवास विकास में मिलने पर सीबीआई की डिमांड पर कल संयुक्त रूप से छापेमारी की गई। उसे घर से गिरफ्तार किया गया। रमेश ने पूछताछ में उसने व्यापमं घोटाले से जुड़े होने की बात स्वीकार करते हुए बताया कि उसने कोचिंग मंडी के कई छात्रों को मेडिकल परीक्षा में पास कराया है। साथ ही इससे साथियों के विषय में जानकारी की जा रही है।
अन्य परीक्षाओं में पास कराने में भी है हाथ
प्रदेश में होने वाली प्रतियोगी परीक्षाओं में अभ्यर्थियों को पास कराने में भी उसका हाथ होने की बात भी सामने आ रही है। पिछले दिनों आरआरबी की परीक्षा के प्रश्न पत्र आउट होने में भी मास्टर माइंड का हाथ सामने आया था। इसके साथ ही प्रदेश में होने वाली बैंक, रेलवे और माध्यमिक स्कूलों में होने वाली भर्तियों में भी इसका हाथ रहा है।
कोचिंग संचालक मित्र संग मिलकर किया व्यापमं घोटाला
काकादेव में कोचिंग चलाने वाले दोस्त की कोचिंग बंद होने के बाद इन लोगों ने मेडिकल कालेजों में एडमीशन के लिए जाल फैलाना शुरू कर दिया था। जिसके बाद इन लोगों ने उत्तर प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश व राजस्थान के मेडिकल कोचिंग करने वाले छात्र व छात्राओं को चंगुल में फंसाया वहीं कोचिंग करने वाले मेधावी व मेडिकल कालेज में पढऩे वाले छात्रों को साल्वर के तौर पर तैयार किया। जिसके बाद उनको एडमीशन लेने वाले छात्रों की जगह उनको बैठाकर घोटाले को अंजाम दिया।
एसपी एसटीएफ अरविंद चतुर्वेदी ने बताया कि रमेश से पूछताछ में कई नये तथ्य सामने आए हैं। जानने की कोशिश की जा रही है कि रमेश ने व्यापमं के साथ किसी दूसरी परीक्षा के लिए सॉल्वर गैंग तो नहीं बनाया है। साथ ही पता लगाया जा रहा है कि कुछ दिन पहले रेलवे का जो पेपर आउट हुआ था, उसमें कहीं इसका ही हाथ तो नहीं था।
- क्या है व्यापमं घोटाला
- व्यावसायिक परीक्षा मंडल (व्यापमं) मध्य प्रदेश में उन प्रतियोगी व्यावसायिक परीक्षाओं को ऑर्गनाइज कराता है, जिन्हें मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग नहीं कराता।
- व्यापमं घोटाले में आरोप है कम्प्यूटर सूची में हेराफेरी करके गलत तरीके से अयोग्य लोगों को भर्ती कराया गया।
- व्यापमं के जरिए संविदा शिक्षक वर्ग-1 और वर्ग-2 के अलावा कॉन्स्टेबल, कनिष्ठ आपूर्ति अधिकारी और नापतौल निरीक्षक की भर्तियां गलत तरीके से की गईं।
- व्यापमं की करीब हजार भर्तियों को संदिग्ध माना गया है। इनकी जांच की जा रही है। मामले में कई बड़े पदों पर बैठे लोगों को अरेस्ट भी किया गया है।
- मामला 2013 के पास काफी चर्चा में आया था। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की निगरानी में अब सीबीआइ के साथ एसटीएफ इसकी जांच कर रहा है।