प्राइवेट स्कूल बसों में मानक सुविधाएं क्यों नहीं: हाईकोर्ट का नोटिस

जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने राज्य की विभिन्न प्राइवेट स्कूलों द्वारा संचालित स्कूल बसों में मानक सुविधाओं के अभाव के मामले में जवाब-तलब कर लिया है। स्कूल शिक्षा सचिव को इस संबंध में बाकायदे शपथपत्र पर जानकारी प्रस्तुत करने कहा गया है। इसके लिए चार सप्ताह का समय दिया गया है।

सुनवाई के दौरान जनहित याचिकाकर्ता नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के प्रांताध्यक्ष डॉ.पीजी नाजपांडे की ओर से अधिवक्ता आदित्य संघी ने पक्ष रखा। उन्होंने दलील दी कि नियमानुसार 

  • स्कूल बसों में एक अटेंडेंट होना चाहिए। 
  • अग्निशमन उपकरण का इंतजाम होना चाहिए। 
  • दुर्घटना की स्थिति में बचाव के संबंध में आवश्यक तैयारी होनी चाहिए। 
  • बच्चों को बोनट पर बैठाना प्रतिबंधित होना चाहिए। 
  • सुरक्षा खिड़की की विशेष रूप से व्यवस्था होनी चाहिए। 
लेकिन देखने में आता है कि ज्यादातर बसों में मानक सुविधाएं नदारद हैं। इस वजह से बड़ी दुर्घटना की स्थिति में बच्चों की जान खतरे में पड़ने से इंकार नहीं किया जा सकता। यह मामला 2013 से विचाराधीन होने के बावजूद शासन-प्रशासन इस दिशा में आंख मूंदे हुए हैं। इस वजह से स्कूल बसों में बच्चों की सुरक्षा कठघरे में है।
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