
आगे जाने से रोके जाने पर कर्मियों और पुलिस जवानों के बीच जमकर नोकझोंक भी हुई। इसके बाद पुलिस ने रैली में शामिल कर्मियों पर लाठीचार्ज कर दी। संघ के अध्यक्ष सूर्यमणि सेमवाल का कहना है कि पिछले दस साल से प्रदेश में भारी संख्या में मनरेगा कर्मी विभिन्न ब्लाकों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं। मगर उनकी मांगों को लगातार अनदेखी किया जा रहा है। कर्मियों का कहना है कि प्रदेश सरकार हमेशा गांवों के विकास की बात करती है मगर हकीकत है कि जो कर्मी गांवों में काम कर रहे हैं उनको स्थाई नहीं किया जा रहा है।
मनरेगा कर्मी अपने भविष्य को लेकर चिंतित है और आक्रोशित भी हैं। अध्यक्ष का कहना है कि अधिकारियों का रवैया कर्मियों के खिलाफ रहा है। ऐसे में उन्होंने सरकार को खुली चुनौती दी है कि अगर उनकी मांगों के बारे में कोई फैसला नहीं किया गया तो 2 जून से प्रदेश के सभी जिला मुख्यालयों में उग्र आन्दोलन करेंगे।