
मालूम हो कि कॉम्बिफ्लेम को फ्रेंच मल्टीनेशनल फार्मास्यूटिकल कंपनी सनोफी तैयार करती है। सीडीएससीओ की रिपोर्ट आने के बाद कंपनी ने कॉम्बिफ्लेम के कुछ बैच वापस मंगवाने का फैसला किया है।
सीडीएससीओ की वेबसाइट पर फरवरी और अप्रैल महीने में पोस्ट नोटिसों में कहा गया था कि उसने कॉम्बिफ्लेम के कुछ बैचों को ‘मानक क्वॉलिटी’ के मुताबिक नहीं पाया। ये सैंपल उनके डिस्इंटीग्रेशन टेस्ट में फेल हो गईं।
इस टेस्ट में यह जानने की कोशिश की जाती है कि कितने वक्त में कोई टैबलेट या कैप्सूल शरीर के अंदर टूटकर घुलमिल जाता है। यूएस फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन के मुताबिक, इस मानक का इस्तेमाल दवाओं की क्वॉलिटी सुनिश्चित करने के लिए की जाती है।
बता दें कि कॉम्बिफ्लेम पैरासिटेमॉल और आईब्रूफेन का कॉम्बीनेशन होता है। सनोफी की मार्च 2015 में पेश सालाना रिपोर्ट के मुताबिक, यह कंपनी के भारत में मौजूद पांच बड़े ब्रैंड्स में से एक है। सीडीएससीओ ने जिस बैच की दवाओं का जिक्र किया है, उनका निर्माण जून 2015 से जुलाई 2015 के बीच हुआ है। इनकी एक्सपायरी डेट मई 2018 से जून 2018 के बीच की है। इस मामले में सनोफी का कहना है कि हम डॉक्टर और मरीजों को आश्वस्त कर सकते हैं कि हमारे प्रोडक्ट से किसी तरह का नुकसान नहीं होगा।
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