
9 मई को जब यह वाटर ट्रेन वापस रतलाम भेजी गई तो अपने साथ बुंदेलखंड का पांच लाख लीटर पानी भी ले गई। दरअसल जब यह पता चला कि ट्रेन खाली है और उसमे पानी नहीं है तो आनन-फानन में उसमे 6 मई को झांसी स्टेशन से पानी भरा गया, लेकिन जब बुंदेलखंड क्षेत्र के सभी जिला प्रशासन ने पानी लेने से इनकार कर दिया तो यह ट्रेन झांसी स्टेशन के यार्ड पर ही खड़ी रही। इसके बाद 9 मई को इस ट्रेन को वापस रतलाम भेज दिया गया। इस तरह यह ट्रेन अपने साथ उसमें भरा 5 लाख लीटर पानी भी लेकर चली गई।
आप हमें ट्विटर और फ़ेसबुक पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।
आप हमें ट्विटर और फ़ेसबुक पर फ़ॉलो भी कर सकते हैं।