24 महिलाएं बनीं खूनी नागा साधू

Bhopal Samachar
उज्जैन। सिंहस्थ महाकुंभ पर्व में नागा साधु बनने की दीक्षा शुरू हुई। उज्जैन में दीक्षा लेने वालों को खूनी नागा कहते हैं। उज्जैयिनी में पंचदशनाम आवाहन अखाड़े में संन्यास दीक्षा समारोह का आयोजन हुआ। इसमें लगभग एक हजार व्यक्तियों के दीक्षा संस्कार हुए, जिनमें करीब दो दर्जन महिलाएं भी शामिल थीं।

खुद का भी पिंडदान किया
आवाहन अखाडे़ के कोषाध्यक्ष महंत कैलाशगिरि महाराज ने बताया कि नागा बनने के लिए सबसे पहले मोक्षदायिनी क्षिप्रा तट पर मुंडन संस्कार कराया गया। यहीं पर इन सभी के पूर्वजों और उनके स्वयं के पिंडदान भी कराये गए। क्षिप्रा में स्नान के बाद सभी नव संन्यासी कतारबद्ध होकर अखाड़ा छावनी पहुँचे और सभी व्यक्तियों से वैदिक मंत्राचारों के साथ हवन कराया जाएगा।

दिशाएं ही इनका वस्त्र हैं
पंचदशनाम आवाहन अखाड़े के पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी शिवेन्द्र गिरि महाराज मंत्र देकर संन्यास की दीक्षा देंगे। इन्हें दिगंबर दीक्षा भी दी जायेगी। उन्होंने बताया दिशायें ही जिनके वस्त्र हैं, वही दिगंबर है। इस प्रकार यह सभी लोग नागा-साधु बन जायेंगे और बाद में अखाड़े की प्राथमिक सदस्यता से भी जुड़ जाएंगे। 

उज्जैन में दीक्षा लेने वालों को कहते हैं खूनी नागा
नागा साधु बनने के लिए सिर्फ कुंभ के दौरान ही दीक्षा दी जाती है। प्रयाग (इलाहाबाद) के महाकुंभ में दीक्षा लेने वालों को नागा, उज्जैन में दीक्षा लेने वालों को खूनी नागा, हरिद्वार में दीक्षा लेने वालों को बर्फानी व नासिक में दीक्षा वालों को खिचड़िया नागा के नाम से जाना जाता है।
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
Facebook पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!