
आरबीआई ने नोटिस जारी कर बैंकों से कहा है कि वे मिनिमम बैलेंस के जीरो हो जाने के बाद नॉन मेंटीनेंस चार्ज लगाना बंद करें। रिजर्व बैंक ने इस संबंध में सभी बैंकों को नोटिस जारी किए हैं। पिछले साल से ही यह नियम प्रभावी हो गया था लेकिन कुछ बैंक अभी भी यह चार्ज वसूल रहे थे।
जारी नोटिस के मुताबिक अब अगर कोई बैंक बचत खाते से चार्ज वसूलता है और इससे बैलेंस माइनस में चला जाता है तो ग्राहक इसकी शिकायत कर सकता है। ज्यादातर यह समस्या सैलरी अकाउंट मामले में होती है। इसमें नौकरी देने वाली कंपनी सैलरी अकाउंट खुलाती है लेकिन नौकरी बदलने पर वह बैंक खाता बचत खाते में बदल जाता है। इसके बाद बैंक मिनिमम बैलेंस का नियम लगा देते हैं। इसके चलते वे नॉन मेंटीनेंस चार्ज वसूलते हैं, इससे बैलेंस माइनस में चला जाता है।
आरबीआई ने 2014 में इस संबंध में दिशानिर्देश बदले थे। इसके बाद एक अप्रैल 2015 से यह निर्देश लागू हो गए थे। आरबीआई ने बैंकों से कहा था कि वे ग्राहकों की परेशानी का फायदा ना उठाएं। बैंक बैलेंस से पैसा काटने से पहले वे ग्राहकों को एडवांस नोटिस दें।