
जीआरपी के जवान ने शरीर पर दो गोलियां लगने के बाद भी शूटर की पिस्टल नहीं छोड़ी।ताबड़तोड़ गोलियों की आवज सुन मौके पर पहुंचे अन्य सिपाहियों की मदद से शूटर को पकड़ लिया। गंभीर रूप से घायल सिपाही को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है।
शुक्रवार देर रात करीब दो बजे लखनऊ जंक्शन रेलवे स्टेशन के बुकिंग काउंटर के पास दो युवक चक्कर काट रहे थे। मामला संदिग्ध होने पर ड्यूटी पर तैनात दो जीआरपी सिपाहियों नराण्या सिंह व अफाक ने दोनो से पूछताछ शुरु कर दी। आजमगढ़ के मुबारकपुर निवासी अमित पांडेय की भूमिका संदिग्ध लगने लगी। अमित पांडेय ने सिपाहियों को बताया कि वो दिल्ली जाने की ट्रेन पकड़ने आया है। उस समय दिल्ली के लिए कोई ट्रेन नहीं थी। उसके पास कोई टिकट तक नहीं था।
साथी को फंसता देख शूटर ने शुरु कर दी फायरिंग
अमित पांडे को फंसता देख फैजाबाद निवासी रोहित दुबे ने कमर में लगी पिस्टल निकाल कर फायरिंग करना शुरु कर दिया। सिपाही आफाक ने रोहित को पिस्टल निकालते हुए देख लिया। उसने तुरंत सतर्कता दिखाते हुए शूटर की कलाई पकड़ ली। इसी बीच पिस्टल का ट्रिगर दबते ही गोलियों की बौछार होने लगी। शुरु की दो गालियां आफाक की जांघ और कमर के ऊपरी हिस्से में जाकर लगीं। गोलियां लगने के बाद भी आफाक ने हिम्मत नहीं हारी। पिस्टल का मुंह जनता की ओर न घूम जाए इसलिए उसकी कलाई को पकड़े रखा। पिस्टल की गोलियां खत्म होते ही वो खामोश हो गई।
घायल होने के बाद भी सिपाहियों ने दोनों को जकड़े रखा
शूटर रोहित और अमित ने भागने की कोशिश की तो सिपाही नरायण सिंह ने उनका पैर पकड़ लिया। दोनों सिपाहियों ने रोहित और अमित को जकड़े रखा। स्टेशन पर ताबड़तोड़ गोलियों की आवज से हड़कम्प मच गया। स्टेशन पर लोग इधर उधर भागने लगे। तबतक आसपास के जीआरपी सिपाही मौके पर पहुंच गए। उन्होंने शूटर और उसके साथी को कब्जे में ले लिया। वहीं गोली लगने से गंभीर रूप से घायल सिपाही आफाक और नरायण को ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया।
नेताओं के लिए करते हैं शूटर का काम
पकड़े गए शूटर रोहित दुबे की उम्र 22 साल बताई जा रही है। वह लूटकांड के आरोपी अमित पांडे को मोटर साइकिल से छोड़ने लखनऊ आया था। अब मोटरसाइकिल से ही वह लखनऊ क्यों आया और दिल्ली जाने के लिए ट्रेन न होने के बाद भी लखनऊ जंक्शन पर उसकी मौजूदगी को लेकर जांच पड़ताल चल रही है। डीआईजी जीआरपी दलबीर सिंह ने बताया कि रोहित दुबे सुल्तानपुर फैजाबाद के कुछ स्थानीय नेताओं के लिए शूटर के रुप में काम करता है। उसे पिस्टल भी सुल्तानपुर के एक नेता अखिलेश प्रताप सिंह ने दिलाई है।