
उन्होंने सवाल किया कि सरकार एनआईटी में भी 207 फिट का तिरंगा झंडा लहराना अनिवार्य क्यों नहीं करती? इस दौरान उन्होंने छात्रों की हुई पिटाई की निंदा की और कहा कि इस मामले में जम्मू-कश्मीर पुलिस पर भरोसा नहीं किया जा सकता। हालांकि इस दौरान गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने एनआईटी में हालात सामान्य होने का दावा किया और कहा कि बड़ी संख्या में राज्य के बाहर के छात्र अब संस्था में वापस लौट रहे हैं।
सिंधिया ने कहा कि एनआईटी के छात्र पिटाई के बाद सांसत में हैं। एनआईटी के प्रोफेसर छात्रों का कैरियर बर्बाद करने की धमकी दे रहे हैं। कैंपस में भी छात्र असुरक्षित है और राष्ट्रवाद का दंभ भरने वाली केंद्र सरकार हाथ पर हाथ धरे बैठी है। सिंधिया ने कहा कि अगर राष्ट्रवाद से इतना ही प्रेम है तो यह सरकार केंद्रीय विश्वविद्यालयों के तर्ज पर देश के हर एनआईटी में 207 फुट ऊंचे तिरंगे लहराने की घोषणा क्यों नहीं करती? उन्होंने यह भी पूछा कि क्यों एनआईटी में स्थानीय लोगों को ही शिक्षक बनाया गया है। इसमें राज्य के बाहर के लोगों को मौका क्यों नहीं दिया गया?