
सूत्रों के मुताबिक 18 जनवरी को राजस्व विभाग की समीक्षा में मुख्यमंत्री ने पटवारियों के आए दिन रिश्वत के मामलों में पकड़े जाने पर नाराजगी जताई थी और कहा था कि पटवारियों की एक स्थान पर पदस्थापना के कारण ऐसी शिकायतें बढ़ी हैं। इसके चलते राज्य स्तरीय कैडर बनाने के निर्देश दिए थे। इसके मद्देनजर राजस्व विभाग ने कैडर बनाने की तैयारी तेज कर दी है। इसमें वरिष्ठता के निर्धारण को लेकर समस्या आ रही है। इसे देखते हुए संभाग स्तर पर वरिष्ठता तय करने पर विचार किया जा रहा है।
राजस्व विभाग के अधिकारियों ने बताया कि पटवारी का तबादला अभी जिला स्तर पर सर्किल के भीतर ही होता है। आगामी शिक्षण सत्र से पहले तबादला नीति लागू कर दी जाएगी। जिले के बाहर उन्हीं पटवारियों का तबादला किया जाएगा, जिनको लेकर शिकायतें होंगी। कैडर बनाने और वरिष्ठता तय करने को लेकर विधि विभाग से भी सलाह ली जाएगी।