
बीते दिन डबरा के कृषि विकास अधिकारी केके शर्मा के खिलाफ फरियादी की गवाही होनी थी। साथ ही टैप में रिकॉर्ड आवाज को कोर्ट को सुनाना था। इसके लिए लोकायुक्त ने एक सीडी कोर्ट में पेश की थी। इस आवाज को सुनने के लिए कोर्ट में लैपटॉप लगाया गया लेकिन कोई आवाज सुनाई ही नहीं दी। सीडी खाली थी। अभियोजन अधिकारी चौंक गए। इसको लेकर अपराधी के अधिवक्ता मुकेश गुप्ता ने भी आपत्ति की। सबूत में के रूप में दूसरी सीडी पेश करने के लिए कोर्ट अनुमति ली है।
तीन सीडी की जाती है तैयार
लोकायुक्त किसी भी अधिकारी को ट्रैप करता है तो फरियादी को एक रिकॉर्डर दिया जाता है, जिसमें फरियादी व आरोपी की आवाज रिकॉर्ड करनी होती है। केसी शर्मा ने लोकेन्द्र से 3000 रुपए की रिश्वत मांगी थी और रिश्वत देने पर ही उसका खाद का लाइसेंस रिन्यूअल करने को कहा। 30 अप्रैल 2014 को लोकेन्द्र ने केसी शर्मा को रिश्वत दी। टैप में आवाज भी रिकॉर्ड कर ली। इस टैप में रिकॉर्ड आवाज की तीन सीडी तैयारी की गई थीं, जिसमें एक सीडी आरोपी को दे गई। दूसरी सीडी लोकायुक्त कार्यालय में रख दी। तीसरी सीडी बंद लिफाफे में कोर्ट में पेश कर दी। कोर्ट में पेश की गई सीडी खाली निकली।