
इसके चलते बुधवार को शहर के ज्यादातर स्कूलों में बसें नहीं पहुंचेंगी। इससे छात्रों और उनके परिजनों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। हालांकि शहर के ज्यादातर स्कूलों के प्रबंधन का दावा है कि उनके यहां पर बची हुई बसों से बच्चों को लाया जाएगा। आरटीओ संजय तिवारी का कहना है कि अचानक बसों की कमी पड़ जाने के कारण यहां से बसों को भेजा जा रहा है।
बच्चों को खुद छोड़ आना
पूर्व परिवहन आयुक्त एसएस लाल का कहना है कि इस तरह के सम्मेलन में बसों का अधिग्रहण होता है। इसका असर स्कूली छात्रों पर हमेशा पड़ता है। अभिभावकों को स्कूलों के भरोसे न रहकर खुद बच्चें को स्कूल छोड़ने जाने के लिए तैयार रहना चाहिए।