
हाल ही में बेल्जियम, अमेरिका और सउदी अरब की 30 मार्च से दो अप्रैल की यात्रा के दौरान भी प्रधानमंत्री मोदी ऐसा ही किया। उन्होंने यात्रा के लिए एयर इंडिया के विमान में तीन रात का चयन किया। इस दौरान उन्होंने विमान में अपनी नींद पूरी की ताकि दिन के समय का प्रयोग काम के लिए कर सकें।
दिल्ली से बेल्जियम और फिर ब्रसेल्स से वॉशिंगटन और वहां से रियाद के लिए उड़ान भरने का समय पीएम ने रात का इसी वजह से चुना। इस दौरान प्रधानमंत्री सिर्फ दो दिन होटेल में रुके थे। एक दिन वॉशिंगटन में और एक दिन रियाद में। अप्रत्याशित रूप से 97 घंटे में प्रधानमंत्री मोदी ने अमेरिका समेत कई देशों की यात्रा की।
समय की कमी को देखते हुए उन्होंने उड़ान के दौरान का समय सोने के लिए तय किया। यदि यात्रा के घंटों का इस तरह प्रयोग नहीं होता तो इस दौरे में कम से कम छह दिन लगते।
वहीं, यदि पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की विदेश यात्राओं के समय को देखा जाए, तो वे अपेक्षाकृत लंबी होती थीं। इसके साथ ही मनमोहन सिंह की यात्राएं ज्यादातर एक शहर तक ही सीमित रहती थीं। वह रात में बहुत कम ही सफर करते थे। PM मोदी की विदेश यात्राएं कम दिनों की होती हैं।
प्रधानमंत्री ने खुद यह निर्देश दिया है कि रात के समय जब कोई काम नहीं हो सकता होटेल में रुकना बेकार है। इसलिए वह रात के समय को विदेश यात्राओं के लिए प्रयोग करते हैं। अपने पहले दो साल के कार्यकाल में मोदी 95 दिन विदेश यात्राओं पर रहे हैं। इसी अवधि में पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने महज 72 दिन ही विदेश में बिताए थे।
मोदी ने अपने अब तक के कार्यकाल में 40 देशों की यात्रा 20 विदेश दौरे पर की हैं। वहीं, इतने ही समय में यूपीए एक के कार्यकाल में मनमोहन सिंह ने 15 विदेश दौरों में 18 देशों की यात्रा की थी। यूपीए दो में बतौर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने दो साल में 17 विदेशी दौरों में 24 देशों की यात्रा की थी।