
उन्होंने आगे कहा कि अगर अंबेडकर नहीं होते तो हिंदुस्तान, पाकिस्तान के बाद एक दलिस्तान भी होता। आज आदिवासी लोगों को एक तपका नक्सलाइट बना हुआ है। उन्होंने कहा देश में अंग्रेज नहीं आते तो छुआछुत खत्म होने में 100 साल और लग जाते।
गुरुवार को केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान पटना में अंबेडकर के 125वीं जयंती पर पत्रकारों से बात करते हैं। उन्होंने कहा कि हम जात की नहीं बल्कि जमात की राजनीती करते हैं। कांग्रेस ने अंबेडकर को रद्दी की टोकरी में फेंक दिया था। एनडीए अंबेडकर को नई पहचान दे रही है। पासवान ने कहा कि अंबेडकर को नोबल पुरस्कार दिलाकर रहेेंगे।