
इस अर्जी को केंद्रीय सूचना आयोग की स्वीकृति के बाद दिल्ली यूनिवर्सिटी भेजा गया। मगर, बाद में यूनिवर्सिटी के जवाब के बाद इस अर्जी को खारिज कर दिया गया है। मोदी ने अपने चुनावी हलफनामे में लिखा था कि 1978 में उन्होंने डीयू से पत्राचार से पढ़ाई की थी। उनका विषय राजनीतिक विज्ञान था।
पहले भी आरटीआई के माध्यम से उनकी शिक्षा के बारे में पूछी गई जानकारियों को साझा करने से इनकार किया गया है। गुजरात विश्वविद्यालय ने यह कहते हुए मोदी की एमए की जानकारी देने से मना कर दिया था कि मार्कशीट और अन्य जानकारियां निजी होती हैं।
उनकी एमए की डिग्री के लिए एक आरटीआई पीएमओ में भी दाखिल की गई थी, लेकिन कहा गया कि उनके पास जानकारी नहीं है। दिल्ली के रहने वाले हंस राज जैन ने यह जानकारी मांगी थी कि साल 1978 में 'नरेंद्र मोदी' के नाम वाले कितने लोगों ने बीए पास किया था।