प्राइवेट कर्मचारियों के लिए गुडन्यूज: नहीं बदलना पड़ेगा पीएफ अकाउंट

भोपाल। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने एक मई को ‘एक कर्मचारी, एक ईपीएफ खाता’ लांच करने की योजना बनाई है। इस योजना का उद्देश्य परिपक्वता से पहले भविष्य निधि से पैसों की निकासी को हतोत्साहित करना और राज्य सरकारों को इसकी पेंशन प्रणाली से जुड़ने के लिए प्रेरित करना है।

ईपीएफओ ने 21 अप्रैल को हुई एक आंतरिक बैठक में यह फैसला किया। इससे एक दिन पहले सरकार ईपीएफ से निकासी के नये कानून के संदर्भ में अपना फैसला वापस ले चुकी थी। नए कानून में सरकार ने निकासी को सख्त बनाने और अंशधारकों को 58 साल की उम्र से पहले ईपीएफ से नियोक्ता का योगदान (मूल वेतन का 3.67 प्रतिशत) निकालने के संबंध में मानदंडों को सख्त बनाया था।

बैठक में ईपीएफओ के केंद्रीय भविष्य निधि आयुक्त वीपी जॉय ने भविष्य निधि निकासी के नियम से जुड़े विवादों पर चर्चा की। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि कर्मचारियों और नियोक्ताओं के बीच प्रभावी संवाद होना चाहिए। साथ ही कहा कि कर्मचारियों द्वारा हर बार नौकरी बदलने पर निकासी से जुड़े मुद्दे का समाधान अच्छी सेवा और आसान माध्यम के जरिए किए जाने की जरूरत है।

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