महाराष्ट्र में पेयजल के लिए उद्योगों का पानी कट

मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट के औरंगाबाद खंडपीठ ने एक याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा है कि शराब कंपनियों का पानी 60 फीसदी कम किया जाए। जबकि अन्य उद्योगों का पानी 25 फीसदी कम किया जाए। यह फैसला औरंगाबाद बेंच के अधीन 13 ज़िलों में चल रहे उद्योगों पर लागू होगा, जिसमें मराठवाड़ा के सभी 8 ज़िले और उत्तर महाराष्ट्र के 5 ज़िले शामिल हैं।

यह है मामला
मंगलवार को सामाजिक कार्यकर्ता संजय काले द्वारा दायर जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह फैसला सुनाया गया है। दरअसल, मराठवाड़ा के औरंगाबाद में 11 शराब की कंपनियां कार्यरत हैं। इन्हें हर दिन 4 MLD पानी मुहैया होता है। याचिकाकर्ताओं के वकील प्रज्ञा तलेकर ने संवाददाताओं बातचीत में कहा कि मराठवाड़ा में फैलते सूखे को देखते हुए शराब के कारखानों का पानी पूरी तरीके से बंद करना चाहिए था, लेकिन फिलहाल 60 फीसदी कटौती लागू करने का आदेश दिया गया है।

लोगों का रोजगार भी जुड़ा है इस मामले से
महाराष्ट्र सरकार के वकील अमरजीत गिरासे ने हाईकोर्ट के सामने पक्ष रखते हुए बताया कि सरकार पहले ही शराब के कारखानों का पानी 20 फीसदी कम कर चुकी है। करीब ढाई लाख लोगों का रोजगार इस कारोबार से जुड़ा होने के चलते 100 फीसदी पानी बंद करना मुमकिन नहीं है।

दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद कोर्ट ने अपना फैसला दिया है, जिस पर बुधवार से ही अमल किया जाएगा। मौजूदा 20 फीसदी पानी कटौती को बुधवार को बढ़ाकर पहले 50 फीसदी किया जाएगा और महीने के अंत तक इसमें और 10 फीसदी बढ़ोत्तरी होगी।

औरंगाबाद महानगरपालिका हर दिन नाथसागर बांध से 56 MLD पानी उठाती है, जिसमें से 32 MLD पानी उद्योगों को 16 से 19 रु प्रति गैलन की दर पर मुहैया करती है।

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