शरद यादव का कार्यकाल 3 माह बचा था, फिर इस्तीफा क्यों लिया

भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने नीतीश कुमार पर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को बताना चाहिए कि उन्हें जदयू अध्यक्ष बनने की इतनी जल्दी क्यों थी कि शरद यादव का कार्यकाल 3 माह बचा होने के बावजूद उनसे इस्तीफा लेना पड़ा? वे शरद यादव को 90 दिन भी बर्दाश्त करने को क्यों नहीं तैयार थे?

सोशल मीडिया के जरिए उन्होंने कहा कि अभी जदयू के संरचनात्मक चुनाव बिहार सहित कई राज्यों में पूरे भी नहीं हुए हैं. फिर ऐसा क्या था कि राष्ट्रीय कार्यकारिणी की आपात बैठक बुलाकर शरद यादव जैसे वरिष्ठ नेता का आंसू भरा इस्तीफा ले लिया गया?

पश्चिम बंगाल और असम में बिहारियों की अच्छी संख्या होने के बावजूद नीतीश कुमार दोनों राज्यों में चुनाव प्रचार के लिए क्यों नहीं गए? असम में नीतीश कुमार ने अजमल की पार्टी से समझौता किया लेकिन कांग्रेस को साथ नहीं रख सके. पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और वाम दलों से जदयू का समझौता था फिर भी नीतीश कुमार ममता बनर्जी के विरूद्ध प्रचार करने की हिम्मत नहीं जुटा सके.

मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में विधान सभा की मात्र 25-30 सीटों पर असर रखने वाली कटपीस पार्टी को मिलाकर नीतीश कुमार भाजपा को चुनौती देने का सपना देख रहे हैं. बिहार से बाहर जदयू का कोई जनाधार नहीं होने के बावजूद केवल हवाबाजी की जा रही है.

जदूय को नीतीश कुमार ने जिस तरह से हाईजैक किया है उससे लालू प्रसाद को भी बैचेनी होगी. वे अच्छी तरह जानते है कि जो नीतीश कुमार जार्ज और शरद यादव के नहीं हुए और जिन्होंने 17 साल तक साथ रहने के बावजूद भाजपा को धोखा दिया वे लालू प्रसाद को भी छोड़ सकते हैं. लालू प्रसाद केवल सजायाफ्ता होने की मजबूरी में नीतीश कुमार के साथ है.
भोपाल समाचार से जुड़िए
कृपया गूगल न्यूज़ पर फॉलो करें यहां क्लिक करें
टेलीग्राम चैनल सब्सक्राइब करने के लिए यहां क्लिक करें
व्हाट्सएप ग्रुप ज्वाइन करने के लिए  यहां क्लिक करें
X-ट्विटर पर फॉलो करने के लिए यहां क्लिक करें
समाचार भेजें editorbhopalsamachar@gmail.com
जिलों में ब्यूरो/संवाददाता के लिए व्हाट्सएप करें 91652 24289

#buttons=(Ok, Go it!) #days=(20)

Our website uses cookies to enhance your experience. Check Now
Ok, Go it!