सीधी। डिप्टी रेंजर सर्वेश्वर सिंह की दादागीरी विभाग मे भी शुरू हो चुकी है। जिसके विरोध में कर्मचारी अधिकारी संगठनों के द्वारा मोर्चा खोल दिया गया है। राजपत्रित अधिकारी संघ के द्वारा मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपकर डीएफओ पर डिप्टी रेंजर को संरक्षण दिलाने एवे कार्यालय में दादागीरी करने का आरोप लगाते हुए डीएफओ के तबादले एवं डिप्टी रेंजर को निलंबित करने की मांग की गई है।
संघ अध्यक्ष उप वनमंडलाधिकारी ने बताया गया कि मेरे साथ राज्य कर्मचारी संघ के अध्यक्ष मंगला प्रसाद द्विवेदी, स्वास्थ्य प्रकोष्ठ संघ अध्यक्ष, दैनिक वेतन कर्मचारी संघ अध्यक्ष सहित अन्य कर्मचारियों के द्वारा संयुक्त दल डीएफओ से मुलाकात करने उनके कार्यालय पहुंचा। जहां सेवा मुक्त किए गए दैनिक बेतन भोगी कर्मचारियों को वापस लेने की मांग की गई। जिस पर डीएफओ के द्वारा कहा गया यह मेरे अधिकार की बात है जिस पर कोई दखल नहीं दे सकता। जिस पर उपवनमंडलाधिकारी एसपी सिंह गहरवार के द्वारा कहा गया तब फिर डिप्टी रेंजर सर्वेश्वर सिंह का पुत्र सबसे जूनियर है उसे क्यों नहीं हटाया गया।
डीएफओ के द्वारा भड़कते हुए अपशब्दों का प्रयोग करते हुए कहा गया कि जिसे मेरा मन होगा उसे हटाऊंगा और रखूंगा अपनी नेतागीरी बाहर दिखाओ। मंगला द्विवेदी के द्वारा इस ब्यवहार पर आपत्ति जताई गई। इस बीच वहां उपस्थित डिप्टी रेंजर सर्वेश्वर सिंह के द्वारा अपने पुत्र के हटाने की बात का विरोध करते हुए गाली गलौज शुरू कर दी गई। इस बीच उनके पुत्र सहित अन्य लोग पहुंचकर गाली-गलौज एवं मारपीट की गई।
कट्टा अड़ाकर छीनी गई फाईल
उप वनमंडलाधिकारी एसपी सिंह गहरवार ने ज्ञापन में लेख किया गया कि सर्वेश्वर सिंह के द्वारा राजसात प्रकरण बजरंग सिंह चौहान की फाईल प्रकरण क्रमांक 580/25 ढूडऩे लगे और कहे कि मेरे अन्य सहयोगियों की भी फाईल हैं जिनके वाहनों को आज ही छोडऩा है। कर्मचारियों के द्वारा देने से इंकार किया गया तो गाली देने लगे। उनके पुत्रों के द्वारा देशी कट्टा अड़ाकर राजसात की फाइले निकालने लगे। जिस पर डायल 100 को फोन कर बुलाया गया। तब सभी लोग भाग खड़े हुए।
इन मामाले मे कार्रवाई की मांग
उप वनमंडलाधिकारी के द्वारा डीएफओ को डिप्टी रेंजर को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए तबादले एवं डिप्टी रेंजर सर्वेश्वर सिंह को निलंबित कर अन्य मामले में कार्रवाई की मांग की गई है। आरोप लगाया गया है कि डेम्हा के पी 1030 कंपा मे अवैध क्रेशर स्थापित की गई है तथा 350 मीटर लंबा 200 मीटर चौड़ा एवं 65 मीटर गहरा पहाड़ में उत्खनन किया गया तथा क्रेशर से गिट्टी बनाकर बाजार में बेंचा गया। जिसकी बसूली 75 लाख रूपए है। सर्वेश्वर सिंह के द्वारा अपने निजी हाइवा, जेसीबी से वनक्षेत्र में पूरा कार्य खुदाई, मिट्टी, मूरम ढुलाई आदि अवैधानिक व उत्खनन किया गया तथा वन संरक्षण अधिनियम 2004 की धारा 6 का उल्लंघन किया गया जिसमें 7 वर्ष की सजा की मांग की गई है। सर्वेश्वर सिंह के द्वारा वन सुरक्षा समिति के खातों से बड़े पैमाने में शासकीय राशि का आहरण बिना स्वीकृत निकाल भ्रष्टाचार किया गया। 2 करोड़ 65 लाख से अधिक भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए वसूली एवं पुलिस में प्रकरण दर्ज कराने की मांग की गई है।
अब विभाग ने माना डिप्टी रेंजर भ्रष्ट
बहरी में पदस्थ डिप्टी रेंजर सर्वेश्वर सिंह के द्वारा एक आरटीआई कार्यकर्ता के वाहन में चिंकारा रख झूठे प्रकरण मे फसाया गया था। जिस पर कांग्रेस सहित अन्य दलों तथा मीडिया कर्मियों के द्वारा सर्वेश्वर सिंह पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए निलंबन की मांग की गई। जिस पर धरना प्रदर्शन का भी दौर चला किंतु विभाग डिप्टी रेंजर को पाकसाफ बता रहा था। अब विभाग को दिखा कि डिप्टी रेंजर भ्रष्ट है।