भोपाल। राजधानी के रातीबड़ इलाके की मंडोरा पंचायत में एक किसान दंपत्ति को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने के मामले में एसडीएम माया अवस्थी बुरी तरह फंसती नजर आ रही हैं। सरकार ने किसान दंपत्ति खुदकुशी मामले को बड़ी गंभीरता से लिया है। सीएम चौहान के एक प्रमुख सचिव जो राजधानी भोपाल में कलेक्टर भी रह चुके हैं ने सरकार की नाराजगी जताते हुए कहा कि प्रथम दृष्टिया एसडीएम मायावती इस घटना की दोषी हैं।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री के सख्त निर्देश हैं कि बगैर सेटेलमेंट के किसी के मकान को नहीं तोड़ा जाए। सुप्रीमकोर्ट के आदेशों का जिक्र करते हुए प्रमुख सचिव ने कहा कि इस बारे में सुप्रीमकोर्ट के आदेश हैं कि सरकारी जमीन के बने मकानों पर संबंधित कलेक्टर सुनवाई कर आॅर्डर पास करें। इस कैस में कलेक्टर की सुनवाई से पहले ही अतिउत्साह में एसडीएम माया अवस्थी ने अतिक्रमण हटाने की कार्यवाही की है। सरकार इस बात से भी नाराज है कि विधानसभा सत्र के दौरान इस तरह की घटना से विपक्ष को सरकार को घेरने के लिए एक हथियार मिल गया है। सरकार इस मामले में भोपाल कलेक्टर से रिपोर्ट भी बुलवा रही है। रिपोर्ट के आधार पर एसडीएम माया अवस्थी पर कार्यवाही की जाएगी।
विदित हो कि एसडीएम माया अवस्थी मंडेरा गांव के एक किसान दंपत्ति नन्हू लाल और उसकी पत्नी नन्ही बाई को सरकारी जमीन पर बने उनके मकान से बेदखल करने के लिए पिछले कुछ दिनों से प्रताड़ित कर रहीं थीं। बुधवार 02/03/2016 को एसडीएम माया अवस्थी मय लाव लश्कर के फिर किसान दंपत्ति को प्रताड़ित करने पहुंच गईं। एसडीएम माया अवस्थी की प्रताड़ना से त्रस्त किसान नन्हू लाल और उसकी पत्नी नन्ही बाई ने एसडीएम माया अवस्थी के सामने ही जहर खाकर खुदकुशी करने की कोशिश की।