
माओवादी नक्सलवादियों ने नक्सल प्रभावित ग्राम सोनगुड्डा के चारघाट, कोदापार, राषिमेटा, सोनपुरी आदि गांव में ग्रामीणों के साथ बैठक कर पर्चे बांटे। उन परचों में अपनी भावी योजनाओं की जानकारी देते हुये शासन की नीतियों का विरोध करने का आव्हान किया गया है।
मलाजखण्ड एरिया कमेटी भाकापा के द्वारा गांव में जो परचे वितरित किये गये है उसमें शासन द्वारा चलाई जा रही सुधार योजना सिविक एक्सेशन प्रोग्राम का बहिष्कार किया गया है तथा यह भी उल्लेख किया गया है कि नक्सलीयों द्वारा चलाये जा रहे क्रांतिकारी जनताना सरकार का जनाभिमुख को पुस्कृत करे। परचे में यह भी लिखा गया है कि विकास तो एक बहाना है दमन का तानाबाना है। जमीन जंगलों से हमें भगाकर हमारे ससाधनों को लुटकर ले जाना, रोड बनाना जनता के विकास के लिये नही बल्कि जंगल की अकूत प्रकृति को लूटने के लिये सामराज्यवादी कंपनीयों के लिये रास्ता बनाना है। परचे में यह भी उल्लेख किया गया है कि ग्रामीण जनता को बेट बल, कैरम बोड, वालीवाल, रेडिया टीवी, सिलाई मशीन जैसे सामनों की भीख नही चाहिये बल्कि जल जंगल जमीन पर संपूर्ण अधिकार चाहिये।
झूठी सुधार योजनाओं से नही जन संघर्ष करके बुनियादी अधिकार हासिल करेंगे। मेहनतकसों को सत्ता में लायेंगे। जनता ना सरकार बनाकर जन समुहिकता से अपना विकास खुद करेंगे। स्कूल प्रबंधन स्कूली बच्चों को जन जागरण मेलाओं में भेजना बंद करे, क्योंकि जन जागरण मेलावा गांव सेहनों और पुलिस की मिली जुली में सरपंच सेहनों की चाल है तथा जनता को गुमराह करने लिये बुना गया एक जाल है।
पुलिस अधीक्षक श्री गौरव तिवारी ने भी नक्सल क्षेत्र में नक्सलीयों द्वारा परचे वितरित किये जाने की पुष्टि की है। नक्सलवादियों ने बालाघाट और राजनांदगांव की सीमा से लगे एक ग्राम में ग्रामीणों के साथ बैठक ली थी जहां पर 50 से भी अधिक नक्सलियों की उपस्थिति थी। बालाघाट जिले के लोग भी बैठक शामिल थे। उसी बैठक के पश्चात नक्सली परचें दक्षिण बैहर के गांव में वितरित किये गये।