ग्वालियर। संविदा स्वास्थ्य कर्मचारियों की गैरमियादी हड़ताल 5 दिन खिंच जाने से स्वास्थ्य सेवाएं बुरी तरह से गड़बड़ा गई हैं। जननी एक्सप्रेस एवं एसएनसीयू यूनिट में काम ठप है। डायरेक्टर लेबल पर जो बातचीत शुरू हुई थी, वह भी बेनतीजा रही है। शासन भी अब कर्मचारियों को मनाने की जगह आरपार की लड़ाई के मूड में है। इसके चलते सिविल सर्जन से हड़ताल में शामिल प्रत्येक कर्मचारी की जानकारी कलेक्टर और शासन को भोपाल भेजने के निर्देश दिए हैं। अधिकारिक सूत्रों के अनुसार, आगामी एक-दो दिन में कोई चौंकाने वाले आदेश मिल सकते हैं।
संविदा स्वास्थ्य कर्मचारी संघ और एनएचएम के डायरेक्टर के बीच 9 सूत्रीय मांगो को लेकर भोपाल स्तर पर दो दिन पहले चर्चा हुई थी। लेकिन शासन का स्पष्ट कहना था कि पहले हड़ताल वापस ली जाए, इसके बाद ही विचार किया जाएगा। जबकि कर्मचारी इस बार पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। ऐसे में बातचीत आगे नहीं बढ़ पाई। शासन से मिले निर्देशों के बाद सिविल सर्जन ने हड़ताल में शामिल कर्मचारियों की लिस्ट तैयार करके शासन को भेज दी गई। इसमें बताया गया है कि कर्मचारी कब से गैरहाजिर है? किस पद पर कार्यरत है और वर्तमान में क्या काम प्रभावित हुए हैं। सूत्रों के अनुसार, शासन पहले कर्मचारियों को मनाने के मूड में था, लेकिन बातचीत विफल होने के बाद अब पहल करने के मूड में नहीं है। दूसरी तरफ कर्मचारियों की लिस्ट भेजे जाने से कई प्रकार के कयास लगाए जा रहे हैं।
डॉक्टर हैं लेकिन स्टॉफ नहीं
एसएनसीयू में चिकित्सक तो मौजूद हैं लेकिन नर्स एवं अन्य स्टॉफ नहीं है, जबकि यहां पर काम संभालने के लिए करीब 35 संविदा कर्मचारी तैनात रहते थे। इसके चलते जो लोग बच्चों को भर्ती कराने के लिए ला रहे हैं, उनका चेकअप करने के बाद दवाई तो लिखी जा रही है, लेकिन यदि भर्ती की स्थिति बनती है तो सीधे केआरएच पहुंचा दिया जाता है। कॉल सेन्टर के ठप होने से जननी एक्सप्रेस सुविधा का लाभ भी प्रसूताओं को नहीं मिल पा रहा है।
दो संगठन साथ आए
कर्मचारियों के आंदोलन को दो अन्य संगठनों का भी समर्थन मिल गया है। शुक्रवार को फूलबाग स्थित धरना स्थल पर पहुंचकर युवा हेल्प लाइन एवं नर्सिंग संगठन ने भी समर्थन दिया।