
गौरतलब है कि अदालत में आने से पहले महिला ने दिल्ली महिला आयोग में अर्ज़ी लगाकर कुमार विश्वास से इस मामले पर उन ख़बरों का खंडन करने की मांग की थी जिनमे विश्वास और शिकायतकर्ता महिला के बीच नजदीकी संबंधों की बात की जा रही थी, लेकिन उस दौरान विश्वास ने कुछ भी कहने से इनकार कर दिया था। महिला ने इसके बाद अदालत में शिकायत दर्ज़ करवाई।
महिला के आरोपों के मुताबिक, फरवरी-2014 में केजरीवाल के सीएम पद से इस्तीफा देने से प्रभावित होकर वह आप में शामिल हुईं। संसदीय चुनावों के दौरान उन्होंने शाजिया इल्मी के लिए प्रचार में हिस्सा भी लिया। कुमार विश्वास से पहली बार वो 8 अप्रैल, 2014 को उनके घर पर मिलीं। वहां उनके साथ साथ पार्टी के कई कार्यकर्ता गए थे। महिला ने आरोप लगाया कि विश्वास ने वहां उनके साथ छेड़खानी की।
शिकायत के मुताबिक, इसके बाद वह अपनी दोस्त के साथ विश्वास के चुनाव प्रचार के लिए अमेठी भी गईं। जहाँ विश्वास के घर पर ही ठहरीं, उस दौरान भी कुमार विश्वास ने अश्लील हरकतें कीं।शिकायत में कहा गया था की 10 फरवरी, 2015 और 4 मार्च 2015 को भी कुमार विश्वास ने उनके दिल्ली में भी छेड़खानी की।
जब कहीं और से इन्साफ नहीं मिला तो अदालत में अर्ज़ी दायर की। अदालत ने अर्ज़ी पर सुनवाई करते हुए इस मामले में दिल्ली पुलिस के सरोजनी नगर थाने से एक्शन टेकेन रिपोर्ट मांगी। पुलिस ने अपनी रिपोर्ट में कहा की कुमार विश्वास के खिलाफ छेड़खानी का कोई मामला नहीं बनता क्योंकि उनके क्षेत्राधिकार में ऐसी किसी घटना के तथ्य सामने नहीं आये हैं लेकिन अदालत ने अपने आदेश में पुलिस की इस रिपोर्ट को नहीं माना है।
अदालत के इस आदेश से कुमार विश्वास की मुश्किलें बढ़ गयीं हैं क्योंकि पुलिस के पास अब इस मामले में कुमार विश्वास को गिरफ्तार करने का तक अधिकार है।