दिलीप शर्मा। मध्यप्रदेश की स्कुलो खेल परिसरों में व्यायाम शिक्षक वर्ग 3 की भर्ती विगत 10 वर्षो से की जा रही है जिसकी निम्नतम योग्यता 12th के साथ शारीरिक शिक्षा रखी जा रही है और सोचने वाली बात यह है की लगभग 16 वर्षो से महिलाओ का शारीरिक शिक्षा महाविद्यालय पेंड्रा (छत्तीसगढ़) में चला गया है जो 12th आधारित शारीरिक शिक्षा कोर्स संचालित करता था।
इसका मतलब यह हुआ की महिलाए स्नातक स्तर का शारीरिक शिक्षा कोर्स करे और हायर सेकेण्डरी स्तर (व्यायाम शिक्षक वर्ग 3) पद पर कार्य करने को मजबूर हों। जबकि सिर्फ पुरुषों का 12th आधारित शरीरिक शिक्षा कोर्स मध्यप्रदेश में संचालित है। इन्ही कारणों से 2006 से पूर्व यह पद स्नातक स्तर (वर्ग 2) का था की महिलाओ के साथ अन्याय न हो परन्तु मध्यप्रदेश सरकार द्वारा 2005 के राजपत्र में यह पद व्यायाम शिक्षक पद वर्ग 3 में करके महिलाओं के साथ विगत 10 वर्षो से अन्याय किया जा रहा है।
क्या महिलाओ के साथ न्याय नही होना चाहिए ?
क्या जब तक 12 th आधारित कोर्स महिलाओ के लिए चालू नही होना चाहिए?
क्या जबतक वर्ग 3 व्यायाम शिक्षक पद पर भर्ती बन्द नही होना चाहिए जब तक यह कोर्स पहली बेच पूरा न कर ले ?
क्या प्रदेश सरकार महिला और पुरुष को संविधान द्वारा प्रदत्त समानता का अधिकार जिसमे समान अवसर की बात कहि गई है महिलाओ को देगी ?
क्या व्यायाम शिक्षक पद पुनः वर्ग 2 स्नातक स्तर का नही किया जाना चाहिए जिससे किसी वर्ग के साथ अन्याय न हो ?