
इसलिए चुना गया
डबरा ग्रामीण क्षेत्र में शामिल है। वहां व्यापारी वर्ग अधिक है। लंबे समय से ग्रामीण क्षेत्र की कमान पिछड़े वर्ग पर रही है। राजनीतिक गलियारे में मंत्री तोमर और मंत्री डॉ. मिश्रा के बीच राजनीतिक शीतयुद्ध की चर्चाएं भी जोरों पर हैं। वर्तमान में मंत्री तोमर अंचल में सत्ता और संगठन की धुरी बने हुए हैं। इसलिए उनकी पसंद के ही पदाधिकारी बनाए जा रहे हैं। वर्तमान में ग्रामीण अध्यक्ष व विधायक भारत सिंह कुशवाह मंत्री तोमर के सबसे करीबी हैं। श्री जैन उनकी टीम में कोषाध्यक्ष की भूमिका निभा रहे हैं। डबरा के व्यापारी वर्ग व पार्टी में उनकी स्वच्छ छवि है। वे डबरा शहर में दो बार मंडल महामंत्री, विधानसभा व लोकसभा चुनाव में डबरा के प्रभारी रह चुके हैं। इसलिए विधायक कुशवाह ने श्री जैन के नाम पर सभी मंडल अध्यक्षों से सहमति ले ली और यह नाम मंत्री तोमर के सामने रख दिया।
इसलिए हुआ विरोध
श्री जैन मंत्री डॉ. मिश्रा के विरोधी माने जाते हैं। इसलिए चर्चा रही कि मंत्री तोमर ने जब नाम फाइनल कर दिया तो डॉ. मिश्रा को यह नागवार गुजरा। वे अपने भाई के दामाद बंटी गौतम अथवा सहकारी बैंक के पूर्व अध्यक्ष कौशल शर्मा की पैरवी कर रहे थे। लेकिन विधायक कुशवाह जब श्री जैन के लिए अड़ गए तो मंत्री तोमर ने संगठन के समक्ष अपनी मंशा जाहिर कर दी। मंत्री डॉ. मिश्रा ने अपना पूरा फोकस दतिया पर कर लिया है। इसलिए उन्होंने इसे अधिक तूल देना उचित नहीं समझा।
संगठन के सभी मुख्य पदों पर सामान्य वर्ग
जिले में अब भाजपा संगठन के लगभग सभी पदों और जीडीए, साडा में सामान्य वर्ग के लोग पदस्थ हो गए हैं। दो दिन पहले ही शहर अध्यक्ष पद पर देवेश शर्मा की ताजपोशी हुई है। इससे अन्य जातियों में आक्रोश है, लेकिन वे खुलकर विरोध करने की स्थिति में नही हैं। अब अन्य वर्गों को कार्यकारिणी में जगह देने की कवायद शुरू हो गई है।