
पाकिस्तान स्थित पेशावर हाईकोर्ट में हामिद की मां फौजिया ने एक याचिका दायर कर अपने बेटे की तलाश करने की गुहार लगाई थी। इस पर सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने पाकिस्तान सरकार से जवाब तलब किया था।
पाकिस्तानी रक्षा मंत्रालय का पक्ष रखते हुए डिप्टी अटॉर्नी जनरल मशरतउल्लाह ने कहा, नेहल सेना के कब्जे में है और सैन्य अदालत में उसके खिलाफ मुकदमा चला रही है। हालांकि, उन्होंने यह नहीं बताया कि नेहल को किन आरोपों में गिरफ्तार किया गया है।
फौजिया के वकील काजी मुहम्मद अनवर के मुताबिक सरकार ने स्वीकार किया कि गुप्तचर एजेंसियों ने वर्ष 2012 में ही हामिद को कोहाट के एक होटल से गिरफ्तार कर लिया था। उन्होंने कहा कि पाक सरकार की स्वीकारोक्ति के बाद अदालत ने मामले को निपटा घोषित कर दिया।
मां ने हर मुमकिन कोशिश की
हामिद की मां और पेशे से प्राध्यापक फौजिया ने बेटे के लापता होने की खबर मिलने के साथ ही उसकी तलाश शुरू कर दी। उन्होंने सबसे पहले मुंबई के वर्सोवा थाने में उसके लापता होने की प्राथमिकी दर्ज कराई। उन्होंने मुंबई स्थित अफगान वाणिज्य दूतावास से भी संपर्क किया। फौजिया ने इस मुद्दे पर महाराष्ट्र के तत्कालीन सीएम पृथ्वीराज च्वहाण से भी मदद की गुहार लगाई थी।
पाक में लड़ी कानूनी जंग
फौजिया ने पाक में भी लंबी कानूनी लड़ाई लड़ी। उन्होंने पाक के सुप्रीमकोर्ट स्थित मानवाधिकार प्रकोष्ठ में हामिद की तलाश के लिए याचिका दाखिल की। इस पर कार्यवाही करते हुए अदालत ने मार्च 2014 में मामला लापता लोगों के जांच आयोग को सौंपा।
अप्रैल 2014 में खैबर पख्तूनख्वा की सरकार ने उसकी तलाश को टीम गठित की और करक थाने में मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की।18 महीने बाद पाक ने स्वीकार किया कि हामिद उनके कब्जे में है।