
दरअसल,जिला सहकारी बैंक में 12 करोड़ के गबन का आरोपी और 10 हजार के इनामी मयंक पोरवाल को अक्टूबर में गिरफ्तार किया गया था. गिरफ्तारी के बाद तकरीबन एक महीने जेल में रहने के बाद ही मयंक के वकील ने उसे दिल का मरीज बताते हुए अस्पताल में भर्ती करने की मांग की.
कोर्ट से आज्ञा मिलते ही मयंक को पुलिस की निगरानी में जिला अस्पताल में भर्ती कर दिया गया. लेकिन यहां ये दिल का मरीज पुलिस के सामने ही आराम से सिगरेट के कश मारते नजर आ रहा है. जबकि दिल की बीमारी और सिगरेट पीना दोनों एक-दूसरे के विपरीत बात हैं.
इतना ही नहीं मयंक तो अस्पताल में आराम से मोबाइल पर बातचीत भी करता है और फाइलें भी पढ़ता है. बावजूद इसके डॉक्टर उसके हार्ट पेशेंट होने का दावा करते नजर आते हैं.
गौरतलब है कि आरोपी मयंक पोरवाल के खिलाफ 12 करोड़ की धोखाधड़ी के मामले में 420, 467, 468, 471 और 129 बी के तहत तीन मुकदमे दर्ज हैं. आरोप सामने आने के बाद मयंक एक साल तक फरार रहा. उसे 25 अक्टूबर को मुंबई से गिरफ्तार किया गया था और 30 अक्टूबर को कनावटी उपजेल भेज दिया गया. जहां से 9 दिसंबर को इलाज के बहाने उसे जिला अस्पताल में भर्ती कर दिया गया. जहां वो आराम से अपनी रोजमर्रा की जिन्दगी जीता नजर आ रहा है.