
विपक्ष के मुताबिक मध्यप्रदेश में सहकारिता के क्षेत्र में बड़ा घोटाला हुआ और इसकी जांच सीबीआई को सौंपा जाना चाहिए। इस मामले को लेकर शीतकालीन सत्र के पहले दिन विधानसभा में माहौल गर्म रहा।
वहीं सत्तापक्ष के मुताबिक डभौरा घोटाला मामले की जांच सीआईडी कर रही है और विपक्ष बेवजह इस मामले में राजनीति कर रही है। मंत्री लालसिंह आर्य ने सत्ता पक्ष का बचाव करते हुए कांग्रेस की सीबीआई जांच की मांग को खारिज कर दिया।
क्या है पूरा मामला
डभौरा बैंक घोटाले में पूर्व जीएम अमरनाथ पाण्डेय की गिरफ्तारी के समय जब्त किए 73 लाख रुपए की बजाए 14 लाख की जब्ती दिखाने का पुलिसकर्मियों पर आरोप लगा था। इस मामले में पनवार थाना प्रभारी अरुण सिंह बघेल को रीवा एसपी ने निलंबिल कर दिया गया था। इसके अलावा एसडीओपी डभौरा सुजीत बरकड़े की भूमिका पर संदेह होने के कारण रीवा एसपी ने उन्हें भी निलंबित कर दिया।
बता दें कि थाना प्रभारी पनवार व डभौरा एसडीओपी ने गिरफ्तारी के समय रामकृष्ण मिश्रा के पास से मिले बकाया 59 लाख 50 हजार रुपए नकद, 320 ग्राम सोना व 36 चॉदी के सिक्के सरेण्डर किए हैं।