शिक्षा विभाग ने इजाद किया भूत से बचने का नायाब तरीका

बिलासपुर। छत्तीसगढ़ राजनादगांव जिले के डोगरगढ़ ब्‍लॉक के माडीतरई शासकीय मिडिल स्‍कूल के छात्र इन दिनों पीपल का पत्ता लेकर स्कूल जाते हैं. स्कूल में भूत की खबर से स्कूली बच्चे दहशत में हैं. स्‍कूल में भूत से बचने का यह नायाब तरीका किसी तांत्रिक या बाबा ने नहीं बल्कि खुद शिक्षा विभाग ने ही इजाद किया है.

दरअसल इस स्‍कूल में पिछले कुछ दिनों से स्‍कूली बच्चे अचानक चक्कर खा कर गिर रहे हैं. प्रशासन ने बच्चों की तबीयत बिगड़ने के कारण जानने की कोई खास पहल नहीं कि लेकिन सरकारी स्‍कूल में अंधविश्‍वास को बढ़ावा देते हुए पीपल के पत्ते को उपचार मानते हुए यह नया तरीका खोज निकाला है.

जिले के माडीतरई मिडिल स्‍कूल में बीते 15 दिनों से लगातार बच्चे चक्कर खाकर गिर रहे थे और पेट दर्द की शिकायत कर रहे थे. लगभग 20 बच्चों को इसी शिकायत पर अस्पताल ले जाना पड़ा. हालांकि अस्पताल पहुंचते ही बच्चे ठीक हो जाते थे.

इधर गांव में अफवाह फैली हुई है कि स्‍कूल में भूत-प्रेत का साया है जिसके चलते बच्चे बीमार हो रहे हैं. ग्रामीणों ने तांत्रिक बुलाकर भूत भगाने की कोशिश भी की थी, लेकिन स्थिति जस की तस बनी हुई है.

वहीं ग्राम प्रधान भी अंधविश्‍वास को बढ़ावा देते हुए यह कह रहे हैं कि जब से बच्‍चे पीपल का पत्ता लेकर स्‍कूल आ रहे हैं, तब से एक भी बच्चा बीमार नहीं हुआ है. इससे पहले जब बच्चे बिना पीपल का पत्ता लिए स्‍कूल आते थे तो बीमार हो जाते थे. वहीं जिला शिक्षा अधिकारी भी इस तरह से पीपल के पत्ते के इलाज को कारगर और सही ठहरा रहे हैं.

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