भोपाल। यदि किसी सरकारी अस्पताल में मरीज का सही तौर पर इलाज नहीं होता है और इसमें डॉक्टर्स लापरवाही बरतते हैं तो यह सेवा में कमी माना जाएगा और मरीज या उसके परिजन इसकी शिकायत उपभोक्ता फोरम में कर सकेंगे।
दरअसल, इससे पहले केवल निजी अस्पतालों की सेवाओं को लेकर ही उपभोक्ता फोरम में शिकायत की जाती थी लेकिन अब सरकारी अस्पताल भी इसमें शामिल होंगे। फोरम ने सरकारी अस्पतालों में मुफ्त इलाज के चलते इसे उपभोक्ता फोरम के दायरे से बाहर रखा गया था।
सरकारी डॉक्टर के खिलाफ अपील स्वीकार, नोटिस जारी
मप्र राज्य उपभोक्ता प्रतितोषण आयोग में पहली बार किसी सरकारी अस्पताल के डॉक्टर के खिलाफ शिकायत स्वीकार करते हुए नोटिस जारी किए हैं। शिकायतकर्ता की वकील संभावना राजपूत ने बताया कि राज्य फोरम के अध्यक्ष जस्टिस राकेश सक्सेना ने सुप्रीम कोर्ट के वी कृष्णन विरुद्ध स्टेट ऑफ तमिलनाडू केस को आधार मानते हुए 21 दिसम्बर को उनकी अपील स्वीकार की है।
ये है मामला-
मंदसौर की रहने वाली आंगनवाड़ी कार्यकर्ता कुशल शर्मा ने जिला अस्पताल मंदसौर में आयोजित शिविर में फैमिली प्लानिंग के तहत ऑपरेशन कराया था लेकिन यह फेल हो गया और इसके चलते उन्हें गैंगरीन हुआ। इससे उनके पूरे शरीर में इन्फेक्शन फैलने लगा। इसको लेकर कुशल शर्मा ने शिविर में ऑपरेशन करने वाले रतलाम निवासी डॉक्टर के घर जाकर उनसे इलाज करने को कहा लेकिन उन्होंने देखा तक नहीं। बाद में उन्होंने एक निजी नर्सिंग होम में जाकर अपना इलाज कराया, फिर इस पूरे मामले की शिकायत राज्य उपभोक्ता फोरम में की।