आडियो जारी: घूस में 55 लाख मांग रहा था अफसर

जबलपुर। जबलपुर के मुख्य वन संरक्षक व 1990 बैच के अधिकारी डॉ. अजीत के. श्रीवास्तव पर लकड़ी कारोबारी अशोक रंगा ने आरोप लगाया है कि लकड़ी के अवैध परिवहन के केस को रफा-दफा करने के लिए पांच एकड़ जमीन देने का दबाव डाला। बाद में सौदा 55 लाख रु. में पटा।

रंगा और आईएफएस अफसर के बीच बातचीत का ऑडियो टेप भी पेन ड्राइव के जरिए वन विभाग तक पहुंचाया गया है। पता चला है कि लकड़ी के अवैध परिवहन के केस में जुलाई 2015 में मंडला के पास बिजाडांड में एक ट्रक जब्त हुआ और उसी आधार पर रंगा के बेटे पर मामला दर्ज किया गया। एक के बाद दूसरा रिश्वत मांगने का टेप आने के बाद ब्यूरोक्रेसी में हड़कंप है।

घूस नहीं दी तो बेटे की शादी नहीं करा पाएंगे
रंगा का आरोप है कि आईएफएस अफसर ने धमकी दी कि 10 साल तक वन विभाग के केस चलते हैं। लड़का परेशान हो जाएगा। शादी तक नहीं होगी। आईएफएस अफसर ने आठ अलग-अलग जगह पर सौदेबाजी के लिए बुलवाया। सात अक्टूबर से 17 नवंबर तक सौदेबाजी को लेकर चर्चा होती रही। पूरी बातचीत का ऑडियो रिलीज नहीं करने के लिए आईएफएस अफसर लकड़ी कारोबारी से गिड़गिड़ाए, लेकिन वो नहीं माना। ऑडियो में यह बोलते भी रहे कि लकड़ी व्यापारी ने ही जमीन खरीद लो, कहकर बात छेड़ी थी।

मेरा तो कैरियर खत्म कर दिया : श्रीवास्तव
आईएफएस अधिकारी अजीत के श्रीवास्तव का कहना है कि यह ऑडियो एडिट करके दिया गया है। मैंने कहीं भी रिश्वत की मांग नहीं की। वे ही (रंगा) बोलते रहे। अपनी पत्नी के साथ रंगा मेरे घर आए थे और कहा था कि पैसे ले लो या जमीन दिला दूंगा। मंदिर तक पहुंच गए थे पैसा देने के लिए। एक ट्रक जब्त करना मुझे भारी पड़ गया। मेरी कोई नहीं सुनेगा। सबसे पहले मुझे सस्पेंड किया जाएगा। मेरा तो कैरियर ही खत्म कर दिया। रंगा पहले मुझे पुलिस से फंसवाना चाहता था, जब ऐसा नहीं हो पाया तो उसने मेरी बातचीत को अलग-अलग समय पर टेप किया। वह शुरू से ही मुझे घूस की पेशकश कर रहा था। मैंने हर बार मना किया। उसका ट्रक आज भी बिजाडांड में राजसात खड़ा है। क्या हम कार्रवाई ही बंद कर दें। रंगा तो मंडला जिले के कालपी डिपो से ही सीधे लकड़ी चुराता था।

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