
नंदा नगर के रहने वाले नीलेश पिता हरिशंकर अग्रवाल ने 21 दिसंबर 2011 को सी-21 मॉल के ग्राउंड फ्लोर पर स्थित दुकान रॉप्स एंड राइस से एक लीटर की पानी बॉटल खरीदी थी। दुकानदार द्वारा एमआरपी से ज्यादा रुपए लेने पर उन्होंने रिसेप्शन पर मौजूद कर्मचारी से शिकायत की थी, लेकिन उसने कहा मैं कुछ नहीं कर सकता। इसके बाद नीलेश ने जिला उपभोक्ता फोरम में मेसर्स रॉप्स एंड राइस और उत्पादक कंपनी साईं समर्थ प्रालि असरावद खुर्द खंडवा रोड के खिलाफ परिवाद लगाया। इसमें कहा कि साईं समर्थ कंपनी वैली वॉटर के नाम से विभिन्न पैक में पानी बॉटल विक्रय के लिए सप्लाई करती है। अन्य दुकानों पर एमआरपी पर पानी की बोतल उपलब्ध है, लेकिन उक्त दुकान पर ज्यादा रुपए लेकर उपभोक्ताओं के साथ ठगी की जा रही है। इसे रोकने के लिए दुकानदार से उपभोक्ता कल्याण निधि में राशि जमा कराई जाए और उसे क्षतिपूर्ति दिलाई जाए।
दुकानदार का कृत्य अनुचित और व्यापार प्रथा के विरुद्ध
फोरम की तीन सदस्यीय पीठ की जज भागवती चौधरी ने फैसले में कहा कि प्रकरण की सुनवाई में कंपनी व दुकानदार को पक्ष रखने के लिए नोटिस दिए गए, लेकिन वे पक्ष रखने नहीं आए। इसलिए फैसला एक पक्षीय किया जाता है। प्रकरण की विवेचना में पानी उत्पादन करने वाली कंपनी की भूमिका अवैध वसूली में नहीं पाई गई। केवल यह कृत्य दुकानदार का है, जिसने अवैध वसूली की, जो व्यापार प्रथा के विरुद्ध है। दुकानदार ने परिवादी के साथ ही अन्य खरीदारों से भी अवैध वसूली की। अत: दुकानदार हर्जाने के रूप में 10 हजार रुपए उपभोक्ता कल्याण निधि में दो माह में जमा कराए। साथ ही मानसिक क्षतिपूर्ति के लिए दुकानदार परिवादी को एक हजार रुपए भी दे।