झिरन्या/खरगोन। प्रदेश व केंद्र में भाजपा की सरकार है। वे खुद भी जनपद अध्यक्ष हैं। बावजूद इसके खेत से घर और घर से खेत में जाने के लिए नाला पार करने के दौरान ट्यूब का सहारा लेना पड़ रहा है। ये हालात अपरवेदा बांध के बैक वॉटर से बने हैं।
भाजपा समर्थित जनपद अध्यक्ष रुखमाबाई दरबार सोलंकी सहित क्षेत्र के 50-60 किसान इस पीड़ा को भोग रहे हैं। श्रीमती सोलंकी ने बताया कि अपरवेदा बांध के डूब प्रभावित क्षेत्र पालधा में उनकी 12 एकड़ कृषि भूमि व मकान था। 3 अक्टूबर 2011 में बांध का जल स्तर 310 मीटर होने पर मकान व खेत तीन दिशाओं से घिर गए। आधी जमीन जलमग्न भी हो गई। लगभग 4 साल का समय डूब क्षेत्र में आ रहे मकान में ही रहकर गुजारे। इसके बाद मई 15 में इन्होंने तीन किमी दूर ईरपुर के मोत्या भावला फाल्या स्थित अपनी इतनी ही भूमि में मकान बना लिया। यहां सबकुछ ठीक चल रहा था, परंतु 18 सितंबर 15 को बांध का जल स्तर 310 मीटर से 317 मीटर हुआ और ईरपुर नाले में पानी आने पर ये फिर तीन दिशाओं से बैक वॉटर से घिर गए।
कृषक दरबार सोलंकी ने बताया कि ईरपुर नाले के दोनों ओर पुनर्वास स्थल नीलीखाली, पालधा और अर्दला के 50-60 किसानों की लगभग 250 एकड़ कृषि भूमि है। कई किसान इसी ट्यूब के सहारे खेतों में आवाजाही करते हैं। वहीं बैलगाड़ी सहित सात-आठ किमी दूरी तय कर खेतों में पहुंचना पड़ता है। किसान दलसिंग पिता दुरगा जमरे ने भी यही पीड़ा बताई। किसानों ने नाले पर मोत्या भावला बारेला के खेत के पास पुल निर्माण की मांग की।
