जबलपुर। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान पर माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल में प्राध्यापकों की अवैध नियुक्तियां कराने के आरोप वाली याचिका पर दोनों पक्षों की बहस पूरी होने के बाद अपना फैसला सुरक्षित कर लिया।
मंगलवार को न्यायमूर्ति आलोक आराधे की एकलपीठ में मामले की सुनवाई हुई। इस दौरान याचिकाकर्ता नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आदर्शमुनि त्रिवेदी ने पक्ष रखा। जबकि राज्य की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव खड़े हुए।
नोटशीट कैसे जारी कर दी
श्री त्रिवेदी ने दलील दी कि मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 2013 में नोटशीट पर अनुशंसा करके माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल में प्राध्यापकों की मनमानी नियुक्तियां कराई हैं। उन्होंने माखनलाल चतुर्वेदी राष्ट्रीय पत्रकारिता विश्वविद्यालय भोपाल में पदेन चेयरमैन होने का दुरुपयोग किया है। लिहाजा, उनके खिलाफ ठोस कार्रवाई होनी चाहिए।
लोकायुक्त में शिकायत
हाईकोर्ट को अवगत कराया गया कि नेता प्रतिपक्ष सत्यदेव कटारे ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करने से पूर्व लोकायुक्त से शिकायत की थी। इसके बावजूद कोई नतीजा नहीं निकला। यदि कायदे से जांच हो तो मुख्यमंत्री की सिफारिश पर हुई तमाम नियुक्तियों की अयोग्यता साफ हो जाएगी। साथ ही वास्तविक हकदारों के साथ की गई नाइंसाफी की भी कलई खुल जाएगी।
