श्योपुर। चंबल नहर से सिंचाई का पानी के मुद्दे पर कलेक्टर पन्नालाल सोलंकी की कोशिश नाकाम हो गई है। किसानों ने 24 नवम्बर को बाजार बंद का ऐलान कर दिया है। किसानों के इस आंदोलन में व्यापारी भी उनके साथ हैं। किसान रबी फसलों की सिंचाई के लिए चंबल नहर की माइनर नहरों में पर्याप्त पानी नहीं छोडऩे से नाराज चल रहे हैं।
चंबल नहर को लेकर दो हफ्ते बाद किसानों का आंदोलन एक बार फिर तूल पकड़ेगा। राष्ट्रीय किसान संगठन ने रविवार को एक बैठक बुलाई। इस बैठक में किसान संगठन ने निर्णय लिया कि माइनर नहरों में पर्याप्त पानी नहीं छोडऩे के विरोध में 24 नवंबर को श्योपुर शहर पूरी तरह बंद कराया जाएगा। उधर दोपहर बाद जिला व्यापार मंडल की भी बैठक हुई। जिसमें व्यापारियों ने ऐलान किया कि वे भी किसानों के आंदोलन का सड़क पर उतरकर समर्थन करेंगे।
किसान संगठन के जिला उपाध्यक्ष नाथूलाल मीणा ने बताया कि कायदे से 20 अक्टूबर को ही माइनर नहरों में पानी छोड़ देना चाहिए था। लेकिन लंबी अवधि के बाद 14 नवंबर को नहरें खोली गई है। इसके बावजूद पर्याप्त पानी नहीं दिया जा रहा है।
इसलिए किसानों ने 24 नवंबर को बाजार बंद करने का निर्णय लिया है। उधर व्यापार मंडल के उपाध्यक्ष शंभूदयाल गर्ग ने कहा कि श्योपुर कृषि प्रधान जिला है। किसानों के इस संकट की घड़ी में व्यापारी उनके साथ खड़े रहेंगे।
कलेक्टर ने की थी बात
कलेक्टर पन्नालाल सोलंकी ने शुक्रवार रात किसानों के प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की। कलेक्टर ने किसानों को 24 घंटे में नहरों से पर्याप्त पानी देने की बात की थी। लेकिन नहरों में पानी का प्रवाह तेज नहीं किया गया। लिहाजा किसानों ने फिर से आंदोलन की चेतावनी दी है।
किसानों को मिलेगा पर्याप्त पानी
माइनर नहरों में 800 क्यूसेक की जगह अब 1000 क्यूसेक पानी छोड़ दिया गया है। किसानों को हमने कहा है कि वे किसी भी तरह का आंदोलन न करें और धैर्य रखे। उन्हें पर्याप्त पानी मिलेगा।
पन्नालाल सोलंकी, कलेक्टर, श्योपुर