भोपाल। कलेक्टर का थप्पड़, तहसीलदार का घूंसा और मंत्री की लात इन दिनों मप्र की फिजाओं में तैर रही है। तीनों घटनाएं तत्काल कार्रवाई के योग्य हैं परंतु मुख्यमंत्री तीनों मामलों में चेतावनी देकर आरोपियों को मुक्त करना चाहते हैं। मंत्री के मामले में संघ ने इशारा कर दिया है, शिवराज की जनता के मन की बात दोहरा रहे हैं परंतु कार्रवाई के कदम नहीं बढ़ा रहे हैं।
मंगलवार को संघ के क्षेत्र संघचालक अशोक सोहनी ने कहा कि पशुपालन मंत्री महदेले का व्यवहार ठीक नहीं है। संघ सभी वर्गों के प्रति संवेदनशील व्यवहार का पक्षधर है। सरकार को इस घटना की पूरी जानकारी लेकर महदेले पर कार्रवाई करनी चाहिए।
दूसरी तरफ, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि स्पष्टीकरण ले लिया गया है। महदेले ने बताया कि उन्होंने ऐसा कुछ नहीं किया है। उन्हें बुखार है। एक-दो दिन में वे आएंगी, तब वीडियो देखकर आगे बात करूंगा।
अब यह मान लेना तो मुश्किल है कि जो वीडियो मप्र की जनता के मोबाइलों में सेव हो चुका है वो सीएम तक नहीं पहुंच पाया हो। साफ दिखाई दे रहा है कि लात मारी गई। खुद मंत्री ने भी स्वीकार कर लिया है कि उन्होंने लात मारी। बावजूद इसके सीएम कार्रवाई की हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।
पैर पकड़े तो हटाना पड़ता है
कई बार लोग पैर पकड़ लेते हैं। आग्रह करने के बाद भी छोड़ते नहीं तो फिर हटाना पड़ता है। महदेले के मामले में भी कुछ ऐसा ही हुआ होगा।
उमाशंकर गुप्ता, उच्च शिक्षा मंत्री
वे हमारे लीडर हैं, उनसे बात कीजिए
अखबार में पढ़ा जरूर है, लेकिन मैंने वीडियो नहीं देखा। मुख्यमंत्री ने उन्हें (कुसुम महदेले) बुलाया है। वे हमारे लीडर हैं। उनसे बात कीजिए।
माया सिंह,
महिला एवं बाल विकास मंत्री
मुझे इस लफड़े में नहीं पड़ना
सरकार की ओर से नरोत्तम मिश्रा बयान देंगे या मुख्यमंत्री से बात करेंगे। यह मेरा विषय नहीं है। मुझे इस लफड़े में नहीं पड़ना।
पारस जैन, स्कूल शिक्षा मंत्री
जांच करानी होगी अेम्परिंग तो नहीं की
ऐसी कोई घटना नहीं हुई। जहां तक वीडियो की बात है तो जांच करनी होगी कि कहीं टेम्परिंग तो नहीं की। वैसे भी यह मुख्यमंत्री का विषय है।
नरोत्तम मिश्रा, स्वास्थ्य मंत्री
