रायपुर। प्रदेश के अधिकारियों-कर्मचारियों को मिलने वाले महंगाई भत्ते का 50 फीसदी उनके मूल वेतन में जोड़ा जाएगा। नए साल से पहले इसकी घोषणा हो सकती है। फिलहाल इसका ऐलान अंतरिम राहत के रूप में किया जाएगा। ऐसा होने पर कर्मचारियों-अधिकारियों का मूलवेतन तीन हजार से 26 हजार रुपए तक बढ़ जाएगा। अधिसूचना संसद में सातवें वेतन आयोग की रिपोर्ट बजट सत्र में मार्च में पारित होने के बाद जारी होगी। कर्मचारियों को एरियर्स के रूप में भुगतान कर दिया जाएगा।
वित्त मंत्रालय से संकेत मिलते ही मंत्रालय में तैयारियां शुरू हो गई है। वर्तमान में अधिकारियों-कर्मचारियों को कुल 119 फीसदी डीए मिल रहा है। 50 प्रतिशत मूल वेतन में मर्ज होने से ग्रेड पे स्वयमेव बढ़ जाएगा। फिर 69 प्रतिशत डीए बचेगा। सरकार भविष्य में जितने भी डीए की घोषणा करेगी वह इस बचे 69 प्रतिशत डीए में जुड़ता जाएगा। मसलन सरकार सात प्रतिशत डीए का ऐेलान करती है तो कुल डीए बढ़कर 76 प्रतिशत हो जाएगा। सातवें वेतनमान में 50 प्रतिशत डीए मर्ज करने के बाद राज्य भी अपना नया पे बेंड बनाएंगे। इसके लिए सरकार कमेटी बनाएगी जिसमें वित्त विभाग, सामान्य प्रशासन विभाग व अन्य संबंधित विभागों के सचिव होंगे। कमेटी बढ़े हुए ग्रेड पे पर नई पे बेंड बनाएगी।
इसमें कॉरेसपांडिंग कैडर को किस रेंज में रखा जाएगा, यह तय किया जाएगा। इसे बुकलेट के रूप में प्रकाशित किया जाएगा। इस नए स्ट्रक्चर को केबिनेट में रखा जाएगा। केबिनेट की मंजूरी के बाद यह लागू कर दिया जाएगा।
वित्त मंत्रालय ने एक जनवरी से सातवें वेतनमान की सिफारिशें लागू करने की घोषणा कर दी है। जब भी नया वेतनमान लागू किया जाता है कर्मचारियों को मिलने वाले डीए को मूल वेतन में जोड़ दिया जाता है। जानकारों का कहना है कि यूं तो नियम कर्मचारियों को मिलने वाले शत-प्रतिशत डीए को मूल वेतन में जोड़ना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो पाता। वित्तीय स्थिति आड़े आती है। हालांकि पिछली बार 2006 में जब छठा वेतनमान आया तो उस समय पांचवें वेतनमान में दिसंबर तक 187 प्रतिशत डीए हो गया ता। पूरा डीए मूल वेतन में मर्ज दिया गया था। इसलिए छटे वेतनमान का गुणांक 1.87 था। तब नया वेतन बैंड और नया ग्रेड वेतन भी बनाया गया था। लेकिन इसे देने में तीन साल लग थे।"नए वेतनमान को 1 जनवरी 2006 से लागू किया गया था, लेकिन इसकी अधिसूचना 24 मार्च 2009 को जारी की गयी थी। इस विलंब के कारण 39-42 माह का एरियर 3 किश्तों में 3 वित्तीय वर्षों 2008-09, 2009-10 एवं 2010-11 में भुगतान किया गया था। नया पे स्केल भी बनाया गया था। पांचवें वेतनमान में 8000-13500 वाले वेतनमान में 8000 पर 186 प्रतिशत डीए 14500 होता था। इस लिए दोनों को जोड़ने पर कुल वेतन 22 हजार 880 हुआ। छठे वेतनमान में इसका समकक्ष वेतनमान 15600 -39100 प्लस 5400 ग्रेड पे निर्धारित किया गया। छठे वेतनमान में यह वेतन 15600-5400 प्लस 21000 और उस पर एक जनवरी 2009 को 16 प्रतिशत डीए 2226 जोड़ने पर कुल वेतन 23 हजार 226 रुपए तय किया गया। चौथे वेतन आयोग की सिफारिशें 1986, पांचवें की 1996, छठे की 2006 में लागू हुईं। सातवें कमीशन की सिफारिशें जनवरी 2016 में लागू होगी।